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राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर है। अमित शाह ने दो दिवसीय प्रदेश दौरे के दौरान सीकर में जनसभा को संबोधित करते हुए परिवारवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। जबकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने वंशवाद से कोई परहेज नहीं किया है।
भाजपा ने एक परिवार से एक को ही टिकट देने की नीति तोड़ते हुए राजसमंद में विधायक विश्वनाथ सिंह की पत्नी को टिकट दिया है। जयपुर शहर से भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद उनकी बेटी को प्रत्याशी बनाया गया है। नागौर में पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए उनकी पौत्री ज्योति मिर्धा को उतारा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत पहले से ही झालावाड़ विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
कांग्रेस ने झुंझुनूं से सांसद रहे शीशराम ओला के पुत्र बृजेंद्र ओला को यहां से उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद राम सिंह कस्वां के पुत्र राहुल कस्वां को कांग्रेस ने चूरू से उम्मीदवार बनाया है। कस्वा ने भाजपा से टिकट कटने के बाद कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत जालोर सिरोही से किस्मत आजमा रहे हैं, जो पिछला चुनाव भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए थे। झालावाड़ – बारां सीट पर पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला जैन को प्रत्याशी बनाया गया है।