RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान के चुनावी समर में नेताओं को चाहने वाले उनके समर्थक बहुत मिलेंगे, लेकिन ऐसे कम ही समर्थक होते है जो अपने प्रत्याशी के लिए जूते-चप्पल त्याग नंगे पांव उनके साथ चल पड़े. ऐसा नजारा जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सामने आया है, जहा से भाजपा ने जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को टिकट दिया है, लेकिन अब उनकी मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है। क्योंकि झोटवाड़ा विधानसभा में पिछले कई सालों से भाजपा के साथ जुड़े आशु सिंह सुरपुरा को टिकट नहीं मिला तो उनके समर्थक नाराज हो गए। जिसके बाद सड़कों पर उतरे हजारों समर्थको ने राजनैतिक दलों की नींद उड़ा दी।
भारतीय जनता पार्टी ने टिकट काटा तो सड़कों पर समर्थकों का रैला उमड़ पड़ा। जोश से लबरेज समर्थकों ने आशु सिंह सुरपुरा को निर्दलीय चुनाव लड़ने का आह्वान किया। जिसके बाद सुरपुरा ने बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय ताल ठोक दी। तभी सभा में एक पल ऐसा भी आया जब पूरा माहौल भावनात्मक हो गया। दरअसल आशु सिंह को टिकट नहीं मिलने से नाराज गांव धानक्या निवासी 63 वर्षीय जगदीश यादव ने प्रण लिया कि जब तक आशु सिंह चुनाव नहीं जीतते वो नंगे पांव रहेंगे। यहीं नहीं भरे मंच से समर्थक ने अपने जूते अपने चेहते नेता को सौंप दिए। जिसके बाद जगदीश यादव को गले लगाकर आशु सिंह की भी आंखों में आंसू छलक पड़े. फिर क्या था वहां मौजूद हज़ारों समर्थकों भी भावुक हो गए।
त्रिकोणीय बन सकता है मुकाबला
सुरपुरा को भाजपा की ओर झोटवाड़ा से मजबूत दावेदार माना जा रहा था। इससे पहले सुरपुरा ने 2013 का चुनाव निर्दलीय लड़ा था और करीब 18 हजार वोट हासिल किए थे। लेकिन 2018 का चुनाव नहीं लड़ा. सुरपुरा 2013 से झोटवाड़ा में समाजिक कार्यों में जुटे हैं। वह भाजपा में सक्रिय रहकर काम कर रहे थे। बीते दिनों पहले संपन्न परिवर्तन संकल्प यात्रा में भी सुरपुरा एक्टिव रहे। फिलहाल कांग्रेस की ओर से लालचंद कटारिया विधायक हैं। अभी उनका भी यहां से टिकट फाइनल माना जा रहा है, हालांकि अभी तक कांग्रेस ने टिकटों का ऐलान नहीं किया है।
गीता पर हाथ रखकर खाई कसम
बता दें कि जगदीश यादव भाजपा समर्थक थे और उनके गांव धानक्या को राज्यवर्धन राठौड़ ने गोद ले रखा है, लेकिन मंच से ही उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि जिस नेता ने गोद लिए गांव का कुछ नहीं करवाया तो अब विधायक बनकर क्या करवा देंगे। इसके बाद आशु सिंह ने अपने समर्थकों को कहा कि ये चर्चा चल रही है कि उन्हें चुनाव ना लड़ने के लिए मना कर बैठा दिया जाएगा, तो आशु सिंह ने मंच से गीता पर हाथ रखकर अपने समर्थकों को विश्वास दिलाया कि कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती और वो क्षेत्र की जनता के दम पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।