RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आगया, जिसमे राजस्थान की 25 लोकसभा सीट में से भाजपा ने 14 जीती और कांग्रेस व इंडी गठबंधन ने 11 सीट जीती। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का पॉलिटिकल करियर का ग्राफ नीचे आगया है। चाहे चुनाव में नेताओं के टिकट कटवाना हो या फिर वसुन्धरा राजे के साथ अनबन हो।
7 बार लगातार विधानसभा चुनाव जीता ओर कई बार राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे। इस बार राजस्थान में मुख्यमंत्री के भी प्रबल दावेदार माने जा रहे था पर तारानगर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए इस कारण मुख्यमंत्री की दोड से बाहर हो गया। साथी ही, लोकसभा चुनाव में अपने गृहक्षेत्र चुरू से भाजपा को जीता नही पाए।
माना जाता है की, राजेंद्र राठौड़ के कहने पर भाजपा ने दो बार के सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दी। ओर फिर चुरू लोकसभा से देवेंद्र झाझड़ियां को भाजपा का प्रत्याशी बनाया। राहुल कस्वां का टिकट कटना राजेंद्र राठौड़ व भाजपा के लिए बहुत गलत साबित हुआ। जिसका परिणाम आज राजस्थान में देख सकते है। भाजपा से टिकट कटने के बाद राहुल कस्वां ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और भाजपा के देवेंद्र झाझड़ियां को 72 हजार 737 वोटों से शिकस्त दी। राहुल कस्वां के टिकट कटना चुरू के आस-पास की लोकसभा सीटो पर भी पड़ा है। जिसके कारण भाजपा को राजस्थान में कई सीटो पर हार का सामना करना पड़ा है।
राम लखन की जोड़ी थी पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां व राजेंद्र राठौड़, बताया जाता है की करीब डेढ दशक पूर्व तक पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां व राजेंद्र राठौड़ एक थे। यहां दोनों के बीच संबंधों को राम लखन की जोड़ी बताया जाता था। इसके बाद ऐसी बिगड़ी की दोनों की पार्टी एक लेकिन राह अलग हो गई। दोनों कभी एक मंच पर नजर नहीं आए। धीरे-धीरे राजेंद्र राठौड़ का बीजेपी में वर्चस्व बढ़ता चला गया। लेकिन, साल 2023 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद राजेंद्र राठौड़ ने हार का ठीकरा राहुल कस्वां पर फोड़। राहुल कस्वां का बीजेपी ने टिकट काट दिया तो दोनों के बीच दूरियां ज्यादा ही बढ़ गई और दोनों खुलकर एक-दूसरे पर हमला बोलने लगे। अब अहम समय में असफल होना राजेन्द्र राठौड़ के लिए तो मंथन का विषय साबित हुआ है।