सोमवार दोपहर को बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। शनिवार को छठे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बोरवेल के गड्ढे के बगल में 170 फीट का गड्ढा खोदा गया है। खुदाई करके उसमें केसिंग डालने का काम भी पूरा हो चुका है। 90 डिग्री पर अंदर की तरफ करीब 10 फीट की सुरंग बनाई जाएगी। इसके लिए एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ नीचे उतर चुकी है।
चेतना के परिजनों की धैर्य का बांध टूटने लगा है। परिजनों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चेतना की मां धोली देवी ने कहा कि ‘कलेक्टर मैम की बेटी होती तो क्या उसे इतने दिन तक उसमें रहने देतीं? मेरी बेटी भूख प्यास से तड़प रही होगी। मेरी बात ना सुनो तो उसे बेचारी की आत्मा की पुकार सुन लो। मेरी बेटी को जल्दी से जल्दी निकाल लो’। चेतना के ताऊ शुभराम ने शानिवार को आरोप लगाया कि अधिकारी जवाब नहीं देते हैं। ज्यादा पूछो तो कहते हैं-कलेक्टर मैम बताएंगी। अभी वो सो रही हैं।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग #चेतना_की_जिंदगी_बचाओ के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट करते हुए इस मुहिम को जोर देने की गुहार लगा रहे हैं।