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राजस्थान में विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू जाति के 34 हजार परिवार चिन्हित किए गए है। प्रदेश में पूरी जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत विमुक्त, घुमंतू, अर्द्ध घुमंतू जाति के लोग हैं। यह लोग एक जगह पर निवास नहीं करते। अधिकांश के पास पहचान पत्र भी नहीं है। इसलिए इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इनके उत्थान के लिए राजस्थान सरकार सभी 32 जातियों के व्यक्तियों को 2 अक्टूबर तक नि:शुल्क भूखंड उपलब्ध करवाएंगे, ताकि ऐसे गरीब लोगों को भी अपना आशियाना बनाने का मौका मिल सके।
अधिकतम 300 वर्गमीटर का पट्टा दिया जाएगा। पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है। सरकार का प्रयास है कि लगभग सभी को नि:शुल्क पट्टा मिले। सरकार की मंशा है कि इन जातियों की पूर्व में बहुत उपेक्षा हुई है। यह हमारे प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जातियां है। देश की आजादी में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने क्रान्तिकारियों का भी सहयोग किया है।
इन जातियों के लोग कई बार आवास समेत योजनाओं को लेकर आवाज उठा चुके। इनमें से कई के पास योजनाओं की जानकारियां तक नहीं है। महज वोटर आइडी के अलावा अन्य कई दस्तावेज की कमी है। ऐसे में यह मुयधारा से पिछड़े हुए हैं। इसके चलते सरकार ने योजना के तहत पट्टे देने के लिए जरूरी नियमों में रियायत भी दी है।