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अजमेर की एक अदालत ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के हिंदू मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अजमेर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने हिंदू सेना नामक संगठन की याचिका को अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए इसे सक्षम कोर्ट में दायर करने के निर्देश दिए।
न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने वादी और अधिवक्ता से कहा कि वो डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट में वाद प्रस्तुत करें। हिंदू सेना की ओर से अजमेर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसमें दरगाह को सर्वे करवाने के बाद फिर से हिंदू मंदिर घोषित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया है, कि दरगाह में भगवान संकट मोचन महादेव को विराजमान किए जाने और वहां हिंदू रीति रिवाज से पूजा पाठ करने की अनुमति दी जाए। साथ ही उस स्थान पर दरगाह को गैरकानूनी बताते हुए दरगाह कमेटी के अनाधिकृत कब्जे को हटाने की भी मांग की गई थी। अजमेर दरगाह ने इस मांग पर सख्त आपत्ति जताई है और इसे एक साजिश करार दिया है।