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प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समिति और जिला परिषदों के पुनर्गठन और सीमांकन का कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका है। इसी कारण राज्य सरकार ने अब तीसरी बार प्रस्ताव तैयार करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। पहले यह तिथि 25 मार्च तय की गई थी, फिर 30 मार्च और अब इसे 6 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।
समय बढ़ने से कार्य में देरी
यह प्रक्रिया मई तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसे जून तक बढ़ाया जा सकता है। सरकार को प्रस्तावों पर जनता की आपत्तियां आमंत्रित कर उनका अनुमोदन जून के पहले सप्ताह तक करना होगा। पंचायत राज आयुक्त जोगाराम के अनुसार, जिला कलेक्टरों को प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन देरी के कारण समय सीमा बढ़ानी पड़ी।हाल ही में विधानसभा में विधायकों ने अधिकारियों द्वारा पंचायतों के सीमांकन को लेकर जनता की आपत्तियों पर ध्यान न देने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सरकार को दो बार समय बढ़ाना पड़ा।
नया शेड्यूल जारी
• प्रस्ताव तैयार करने की समय-सीमा – 20 जनवरी से 6 अप्रैल तक
• प्रस्तावों का प्रकाशन व आपत्तियां आमंत्रित करने की अवधि – 7 अप्रैल से 6 मई
• आपत्तियों का निस्तारण – 7 मई से 13 मई
• राज्य स्तर पर निस्तारण – 21 मई से 4 जून
इस देरी से पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया में और अधिक समय लग सकता है, जिससे आगामी प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ने की संभावना बनी हुई है।