Bikaner Breaking
  • Home
  • Bikaner
  • पांच राजयोग में देवउठनी एकादशी आज
Image

पांच राजयोग में देवउठनी एकादशी आज

शुक्र अस्त होने से शादियों का पहला मुहूर्त 22 नवंबर को, अगले साल 59 मुहूर्त रहेंगे

आज देवउठनी एकादशी है। चातुर्मास के चार महीने तक योगनिद्रा में रहने के बाद भगवान विष्णु इसी दिन जागते हैं। इसलिए इसे देव प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस पर्व के बाद से ही शादियां, गृह प्रवेश और मांगलिक काम शुरू हो जाते हैं।

शादी और अन्य मांगलिक कार्य 4 नवंबर से शुरू नहीं हो पाएंगे क्योंकि अभी शुक्र तारा अस्त है, जो 18 नवंबर से उदय होगा। इसलिए ज्यादातर शादियां इस दिन के बाद शुरू होंगी। फिर भी कुछ जगहों पर 4 नवंबर से शादियां हो रही हैं, क्योंकि देव प्रबोधिनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त माना गया है।

ये देव विवाह का दिन भी है। घरों में गन्ने के मंडप सजेंगे और शाम को गोधुली बेला में तुलसी-शालग्राम विवाह होगा। मंदिरों में भी विशेष पूजा होगी। इस बार एकादशी पर मालव्य, शश, पर्वत, शंख और त्रिलोचन नाम के पांच राजयोग योग बन रहे हैं। साथ ही तुला राशि में चतुर्ग्रही योग बन रहा है। इस शुभ संयोग में देव प्रबोधिनी एकादशी की पूजा करने से अक्षय पुण्य मिलेगा। कई सालों बाद एकादशी पर ऐसा संयोग बना है।
(डॉ. गणेश मिश्र, पुरी और काशी विद्वत परिषद के प्रो. रामनारायण द्विवेदी के मुताबिक)

शुक्र अस्त लेकिन अबूझ मुहूर्त के कारण होंगी शादियां
ज्योतिष ग्रंथों में देवउठनी एकादशी को अबूझ मुहूर्त कहा गया है। यानी बिना पंचांग देखे इस दिन मांगलिक काम किए जा सकते हैं। इस परंपरा के चलते कई लोग इस दिन शादियां करेंगे। वहीं, ज्योतिषियों का कहना है कि शादी के लिए जरूरी तिथि, वार, नक्षत्र न मिले तो इस दिन विवाह कर सकते हैं लेकिन शुक्र ग्रह अस्त हो तो अबूझ मुहूर्त पर भी शादी नहीं करनी चाहिए।

इस साल सिर्फ 9 मुहूर्त
देव उठने के साथ अब शादियों का सीजन शुरू होगा। लेकिन इस बार शुक्र अस्त होने से सीजन का पहला मुहूर्त 22 नवंबर को है। इसको मिलाकर 9 दिसंबर तक शादियों के लिए 9 दिन शुभ रहेंगे। फिर धनु मास शुरू हो जाने के कारण अगले साल 15 जनवरी से शादियां शुरू होंगी। जो कि 28 फरवरी तक चलेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *