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भाटी ने निर्वाचन आयोग की कार्य प्रणाली पर कथनी व करनी में फर्क का आरोप लगाते हुए धरने की चेतावनी दी…

RASHTRADEEP NEWS

जिसकी हमारे द्वारा लिखित सूचना देने के बाद भी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की नहीं की गयी है। जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर द्वारा संबंधित बीएलओ व अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन ऐसा लग रहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मेरे सुझावों पर आज तक कोई आवश्यक कार्यवाही नहीं की गयी है।केन्द्रीय निर्वाचन आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर विभिन्न आदेशों के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देने के बावजूद उपखण्ड अधिकारियों व उनके अधीनस्थ बीएलओ/ कर्मचारियों द्वारा सही-सही सूचना नहीं भिजवाने के कारण मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि निर्वाचन आयोग की कथनी-करनी के काफी अन्तर हैं ।

भाटी ने कहा कि राजस्थान के बीकानेर जिला निर्वाचन अधिकारी व अधीनस्थ अधिकारियों द्वाराकोलायत विधानसभा क्षेत्र (015) सिंचित क्षेत्र काफी लम्बा क्षेत्रफल है तथा नहरी क्षेत्र में अधिकांश काश्तकार चकों एवं हाणियों में निवास करते हैं। चकों एवं ढाणियों से मतदान केन्द्र की दूरी लगभग 2 किमी. से अधिक नहीं होने के आदेश है। वर्तमान में 6/8 एएम संतोषनगर जो कि ग्राम पंचायत हैड क्वाटर्स होने के साथ ही चकों व ढाणियों में निवास करने वाले मतदाताओं को मतदान केन्द्र जागणवाला मतदान केन्द्र संख्या 59 व 60 में मतदान के लिए जाना पड़ता है जबकि आवागमन के लिए ना तो बसों का साधन है ना ही सीधा कोई पक्का मार्ग उपलब्ध है। जिसके कारण ग्रामीणों को अपने साधनों से ही मतदान केन्द्र तक जाना पड़ता है जो कि काफी खर्चीला होने के कारण मतदान का प्रतिशत भी कम रहता हैं।

साथ ही निर्वाचन आयोग द्वारा 300 मतदाता पर मतदान केन्द्र प्रस्तावित है, जबकि चकों व ढाणियों में रहने वाले मतदाताओं की संख्या 1200 के लगभग है तथा वर्तमान में मतदान केन्द्र संख्या जागणवाला 59 60 की दूरी 6 किमी. है। इसकी सम्पूर्ण जानकारी पटवार रिकॉर्ड में प्रमाणित होने के बावजूद समय पर जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को नहीं दी गयी। इसके बाद मेरे द्वारा दिनांक 23.09.2023 को आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग राजस्थान व जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर को सूचना देने के बावजूद भी किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी। बीकानेर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा ऐसी लापरवाही क्यों की गयी है?

इसी प्रकार वर्ष 1985 में निर्वाचन आयोग द्वारा 3 किमी. की दूरी से अधिक दूरी पर नया मतदान केन्द्र की सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को दी गयी थी उसके बाद राज्य जिला निर्वाचन आयोग द्वारा गजट नोटिफिकेशन ( अधिसूचना जारी होने के बाद मेरे द्वारा पांच मतदान केन्द्र ( पंवारवाला, रणधीसर, नोखा उर्फ दैया, राणासर व लाखासर ) की दूरी 3 किमी. से अधिक होने की सूचना के बाद व गरीब व विकलांग मतदाताओं की मजबूरी को देखते हुए लगभग पांच नये मतदान केन्द्र स्वीकृत किये गये थे, साथ ही निर्वाचन आयोग ने अपनी भूल मानते हुए नये मतदान केन्द्र को A B नाम से स्वीकृत कर स्थान बदले गये थे।

मेरे सुझाव के बाद भी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा समय रहते आवश्यक कार्यवाही नहीं की गयी ना ही नया मतदान केन्द्र स्वीकृत किया गया है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर द्वारा अपनी मनमानी से कार्य किया जा रहा है।भाटी ने अपने पत्र के विभिन्न बिन्दुओं पर शीघ्र आदेश जारी करवाने का आग्रह किया है। भाटी ने कहा है कि ऐसा ना होने पर गरीब, विकलांग चको ठाणीयों में निवास करने वाले मतदाताओं व काश्तकारों की भावनाओं को देखते हुए कार्यालय जिला निर्वाचन अधिकारी, बीकानेर के सामने धरने पर बेठने की तारीख की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पडेगा।

भाटी ने केन्द्रीय निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को पत्र लिखकर कोलायत की पंचायत समिति व बज्जु तहसील के गांव विजेरी व बिकेन्द्री के साथ ही नहरी क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाले गावों में अतिवृष्टि व ओलावृष्टि के कारण काश्तकारों की लाखों रूपयों की फसल का नुकसान हुआ है। जिला निर्वाचन अधिकारी बीकानेर द्वारा यह बताया गया है कि विधान सभा चुनाव के मध्यनजर मौका सर्वेक्षण रिपोट व व गिरदावरी रिपोर्ट देने की चुनाव आयोग की मनाही है, लेकिन निर्वाचन विभाग द्वारा ऐसी कोई रोक नहीं लगाई गई है।भाटी ने कहा कि उक्त रिपोर्ट के आधार पर राहत राशि का संबंध होने के कारण इसका मतदान पर सीधा प्रभाव पडता है।

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