RASHTRA DEEP NEWS
धर्मेंद्र राठौड़ ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा की, मेरे राजेन्द्र गुढ़ा से लंबे समय से पारिवारिक संबंध रहे हैं। हमारे संबंधों की प्रगाढ़ता इतनी रही कि लगभग 10 वर्ष पहले वो मेरे घर में रहे। उस समय इनके विधानसभा क्षेत्र के कई लोग आकर मुझसे इनकी आलोचना कर कहते थे, कि इनको अपने घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बेहद अविश्वसनीय व्यकित हैं।परन्तु मेरे व्यक्तिगत संबंधों के कारण मैंने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया।एक कांग्रेस कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा इनकी मदद की।

2009 व 2019 में अन्य बसपा विधायकों के साथ इन्होंने कांग्रेस जॉइन की ये तब भी मेरे संपर्क में रहे और इनका बैकग्राउंड जानते हुए भी पार्टी हित में मैंने इनका साथ दिया। पिछले लगभग सालभर से राजेन्द्र गुढ़ा पार्टीलाइन से हटकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे थे। मैंने इनको समझाने का प्रयास किया कि ऐसा ना करें परन्तु मैं तब समझ नहीं पाया कि ये अंदर ही अंदर क्या षड़यंत्र चल रहा है, और ये किन-किन कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं।आज आश्चर्यजनक रूप से राजेन्द्र गुढ़ा की प्रशंसा कर रहे केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिन पूर्व गुढ़ा को जब बिन पैंदे का लोटा कहा था, तब भी मैंने इनका बचाव किया था।
यह सर्वविदित है कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी सरकार गिराने का प्रयास किया. इसी षड़यंत्र का हिस्सा केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा कांग्रेस नेताओं, तमाम प्रतिष्ठानों एवं मुख्यमंत्री के भाई तक के घर पर छापा डाला। मुझे याद है कि उस घटनाक्रम के दौरान राजेन्द्र गुढ़ा मेरे घर आए थे। पर इस घटनाक्रम से लेकर कभी भी मेरे से इन्होंने किसी लाल डायरी की चर्चा नहीं की। मैं संभवतया हमेशा गांधी डायरी का उपयोग करता हूं और अपनी दिनचर्या इसमें लिखता हूं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लोग मेरे घर से 3 डायरियां लेकर गए थे। जिनमें ऐसी गांधी डायरियां थीं। ये उनके रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं।
कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां मणिपुर में हो रहीं हिंसा, महिलाओं से बलात्कार और हत्याओं के मामले पर संसद में चर्चा करना चाहती हैं। पूरे देश-दुनिया की नजर इस पर हैं पर संसद नहीं चल पा रही है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक भाजपा राजस्थान सरकार पर झूठे आरोप लगाकर मणिपुर के मुद्दे की गंभीरता को कम करने का षड़यंत्र कर रही है। उसी षड़यंत्र के अंतर्गत राजेन्द्र गुढ़ा को मोहरा बनाकर ये हाई वोल्टेज ड्रामा रचा गया है। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरे से महज 3 दिन पहले राजेन्द्र गुढ़ा और बीजेपी के नेताओं के जो बयान विधानसभा के अंदर और बाहर आए हैं वो इसी षड़यंत्र का हिस्सा हैं। हालांकि वो इसमें सफल नहीं हुए।