निगम कमिश्नर को हटाने काे लेकर कलह इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस के ही हारे हुए पार्षद उम्मीदवार ने अपनी ही पार्टी की महिला पार्षद काे अपमानजनक शब्द बाेल डाले। आहत पार्षद ने इस्तीफा देने की घाेषणा की है। ये घटना शिक्षा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला के आवास के बाहर हुई। इस घटना का पता चलने पर कल्ला ने पार्षद उम्मीदवार काे जमकर लताड़ा।
कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी रहीं पार्षद अंजना खत्री, जावेद पड़िहार, यूनुस अली, अब्दुल सत्तार समेत तमाम पार्षद आयुक्त गाेपाल राम बिरदा की शिकायत लेकर शनिवार काे शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के पास गए थे। पार्षदों ने कल्ला को बताया कि आयुक्त ने पार्षद शांतिलाल माेदी का अपमान किया। उनके कारण शहर में पार्टी की किरकिरी हाे रही है। इसी वक्त नेता प्रतिपक्ष के प्रतिनिधि सुरेन्द्र डाेटासरा और वार्ड 42 के कांग्रेस उम्मीदवार मुरली रामावत वहां पहुंच गए। दाेनाें ने आयुक्त की पैरवी की। इसके बाद पार्षदाें के बीच विवाद हाे गया। अंजना खत्री और मुरली के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया।
अंजना का आराेप है कि मुरली ने उन्हें भद्दे और अपमानजनक शब्द कहे। गालियां दी। निर्दलीय पार्षद सहित अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया। वरना बात हाथापाई तक पहुंच जाती। इस बात का पता चलने पर डाॅ. कल्ला ने मुरली काे जाेरदार लताड़ लगाते हुए कहा कि एक महिला के बारे में इस तरह की भाषा मुझे पसंद नहीं है। कल्ला ने कहा, महिला के बारे में गलत टिप्पणी करने वाला मेरे इर्द-गिर्द नहीं दिखाई देगा। इस बीच आयुक्त काे हटाने की बात पर सहमति ना बनने और मुरली के शब्दाें से आहत अंजना ने इस्तीफे का एलान कर दिया।
कल्ला के सामने शतरंज की बिसात: विवाद सुलझाने की कोशिश लेकिन दुर्व्यवहार से आहत महिला पार्षद ने इस्तीफे की घोषणा की
वजह : बिरदा के जरिए निगम पर मजबूत पकड़ रखना चाहते हैं कल्ला
प्रदेश में सरकार हाेने के बाद भी डाॅ. बीडी कल्ला की नगर निगम में नहीं चल रही थी। गाेपालराम बिरदा काे यहां लाए ताे उनका डायरेक्ट हस्तक्षेप हाे गया। बिरदा ने स्वास्थ्य निरीक्षक व्यास काे लगाकर अपनी वफादारी जता दी। इसके बाद कल्ला की निगम में जमकर चलने लगी। कल्ला और गुमानसिंह राजपुराेहित के पारिवारिक संबंध गहरे हाेने के बाद भी जब मेयर ने कल्ला पर आराेप लगाए ताे कल्ला ने बिरदा काे बनाए रखने के लिए जाेर लगाया। जब-जब कमिश्नर काे हटाने की बात शुरू हाेती है तब-तब मेयर कल्ला पर आराेप लगाती हैं, जिससे कल्ला फिर उनकाे यहां जाने से राेक देते हैं। वाे ये संदेश नहीं देना चाहते कि विरदा काे मेयर के कहने पर हटाया।
…और कल्ला का तर्क-सही काम करते हैं बिरदा,भ्रष्टाचार रोक दिया
शिक्षा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला पर हमलावर रही मेयर सुशीला कंवर पर कल्ला ने शनिवार काे जवाब दिया। वे बाेले-पहले ये बताएं कि मेयर है काैन। सुशीला कंवर या उनके पति विक्रम राजपुराेहित। मेरे पर वाे आराेप लगाती हैं कि मैं कमिश्नर का संरक्षण करता हूं ताे काेई क्याें नहीं पूछता कि ठेकेदारों काे संरक्षण काैन देता है। जिस दिन मैंने बाेलना शुरू कर दिया ताे दिक्कत हाेगी। इसलिए मैं नगर निगम के मामलाें से दूर रहता हूं। सही बात ताे ये है कि ये अधिकारी काम करता है। उसने कई भ्रष्टाचार हाेने से बचाए हैं।
सर्किट हाउस में हुई पंचायत
डाॅ. कल्ला ने शाम काे नगर निगम आयुक्त गोपालराम विरदा, पू्र्व नेता प्रतिपक्ष जावेद पड़िहार, शांतिलाल माेदी समेत कई पार्षदाें काे बुलाया। कल्ला ने सभी की बात सुनी। दाेनाें पक्षाें में समझाइश कराने की काेशिश की। एक बार ताे सर्किट हाउस में मामला शांत दिखा। इससे एक बात साफ हाे गई कि कल्ला विरदा काे हटाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्हाेंने विरदा से अपनी भाषा काे नियंत्रित करने की नसीहत दी।