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हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, इस साल 12 अक्तूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई का अंत किया था। इसलिए इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धर्म शास्त्रों में इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन दशों दिशाएं खुलती हैं, जो शुभता लाती हैं। शास्त्रों में दशहरा के दिन कुछ कार्यों को न करने की सलाह दी गई है, अन्यथा आपको जीवन में अशुभ परिणामों को झेलना पड़ सकता है।
- 1. बुजुर्गों का अपमान
- कई बार लोग घर में या घर के बाहर बुजुर्गों को गुस्से में कुछ भी बोल देते हैं और उनका अपमान करते हैं। वैसे तो आमतौर पर भी किसी को ऐसा नहीं करना चाहिए. लेकिन खास तौर पर दशहरा के दिन आपको ये काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए। साथ ही आपको इस दिन अपने घर के बड़ों का मान-सम्मान करना चाहिए साथ ही आशीर्वाद लेना चाहिए।
- 2. शुभ मुहूर्त में करें कार्य की शुरुआत
- यदि आप दशहरा के दिन कोई शुभ काम करने जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि शुभ मुहूर्त में ही वह काम करें। क्योंकि बिना मुहूर्त के कोई कार्य शुरू करने पर सफलता मिलने की गुंजाइश कम हो जाती है।
- 3. घर के वास्तु को न करें नजरअंदाज
- दशहरा के दिन आपको अपने घर को बेहद साफ-सुथरा रखना चाहिए। खास तौर पर घर का मुख्य द्वारा साफ रहना चाहिए और घर में कहीं भी जाले नहीं लगे होने चाहिए। साथ ही अपने घर में कहीं भी कचरा एकत्रित करके न रखें। आपको इस दिन घर के वास्तु को नजरअंदाज नहीं करना है।
- 4. पेड़-पौधों की कटाई
- दशहरा वाले दिन आपको भूलकर भी पेड़-पौधों की कटाई नहीं करना चाहिए। इसे बेहद अशुभ माना जाता है। इसकी बजाय आप दशहरा के दिन घर पर नए पौधे लाकर लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
- 5. पूजा
- दशहरा पर भगवान राम और माता दुर्गा की पूजा की जाती है, लेकिन आप साथ में भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा भी कर सकते हैं। मान्यता है कि भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी। साथ ही आर्थिक स्थिति भी अच्छी बनी रहती है।