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डॉ. दीपक माहेश्वरी और डॉ. सुशील भाटी को मिली SMS हॉस्पिटल की जिम्मेदारी…

RASHTRADEEP NEWS

सरकार ने सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक के इस्तीफा देने के बाद अब नए सिरे से इन पदों पर नियुक्ति दी है। सरकार ने सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दीपक माहेश्वरी को SMS मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल के तौर पर नियुक्त किया है। वहीं डॉ. सुशील भाटी को एसएमएस अस्पताल का कार्यवाहक अधीक्षक बनाया है।दीपक माहेश्वरी वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में सीनियर प्रोफेसर हैं। वहीं डॉ. सुशील भाटी एनेस्थिसिया डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर और एचओडी हैं।

1 दिन पहले डॉ. राजीव बगरहट्टा, डॉ. अचल शर्मा और डॉ. सुधीर भंडारी ने अपने पदों से इस्तीफा दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया था। 1 दिन पहले डॉ. राजीव बगरहट्टा, डॉ. अचल शर्मा और डॉ. सुधीर भंडारी ने अपने पदों से इस्तीफा दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया था।दरअसल, राजस्थान में फर्जी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी जारी करने के मामले में सरकार ने सवाई मानसिंह (SMS) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव बगरहट्टा, एसएमएस हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा और स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) के चेयरमैन डॉ. सुधीर भंडारी से इस्तीफे मांगे थे। इसके बाद इन डॉक्टरों ने अपने इस्तीफा भेज दिया था, जिसे सोमवार को सरकार ने मंजूर कर लिया था।

फर्जी तरीके से ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में चल रही जांच में इन तीनों की भूमिका संदिग्ध आ रही थी। इसके आधार पर सरकार ने इनके इस्तीफे मांगे थे।एसीबी ने SMS हॉस्पिटल के अधिकारी को रिश्वत लेते किया था ट्रैप1 अप्रैल 2024 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रुपए लेकर ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी देने एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह के अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल फोर्टिस और ईएचसीसी के एक-एक अधिकारी को पकड़ा था। इसके बाद एसएमएस अस्पताल प्रशासन ने सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को सस्पेंड कर दिया था। वहीं मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस मामले में ईएचसीसी, फोर्टिस एस्कोर्ट और मणिपाल हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने के लाइसेंस को रद्द कर दिया।इस गिरफ्तारी के 3 दिन बाद 4 अप्रैल को हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने एक होटल में डोनर-रिसीवर सहित 5 बांग्लादेशियों को पकड़ा। उनसे पूछताछ में ऑर्गन की खरीद-फरोख्त और जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अवैध ट्रांसप्लांट होने की बात सामने आई थी।

फर्जी एनओसी केस की जांच के लिए एसीपी क्राइम को बनाया अधिकारीउधर, राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर ह्यूमन ऑर्गन एवं टीश्यू ट्रांसप्लांट एक्ट 1994 के तहत एसीपी क्राइम को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है। अधिनियम के तहत एक से अधिक समुचित प्राधिकारी नियुक्त किए जाने का प्रावधान है। डॉ. रश्मि गुप्ता पहले से ही समुचित प्राधिकारी के रूप में दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए फर्जी एनओसी का प्रकरण सामने आने के बाद प्रभावी जांच की दृष्टि से राज्य सरकार ने कानूनी राय के बाद ह्यूमन ऑर्गन एवं टीश्यू ट्रांसप्लांट एक्ट 1994 के प्रावधानों के तहत एसीपी क्राइम को समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया है। एसीपी क्राइम के समुचित प्राधिकारी नियुक्त होने से इस प्रकरण में आपराधिक दृष्टि से जुड़े पक्षों पर भी गहन जांच-पड़ताल कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई संभव हो सकेगी।

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