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बीकानेर के अंत्योदय नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की सुसाइड के पीछे सबसे बड़ा कारण आर्थिक तंगी और परिवार के लोगों से दूरी रहा। अब तक की जांच में साफ हुआ है कि मृतक हनुमान सोनी और उसके पत्नी-बच्चे पिछले दस साल से उसके परिवार और ससुराल के संपर्क में नहीं थे। सुसाइड नोट में आरोप है कि परिवार वालों ने जायदाद में हिस्सा नहीं दिया और ससुराल वालों ने रुपए उधार लेकर लौटाये नहीं। सुसाइड करने वालों में हनुमान सोनी के अलावा उसकी पत्नी विमला, बेटा मोहित, ऋषि और बेटी गुडिया शामिल है। इनमें मोहित और विमला ने घर के हॉल में दो हुक से फांसी लगाई तो बहन गुडिया और ऋषि ने रसोई में फांसी लगा ली। पिता हनुमान सोनी ने जहर खाया था, वह आंगन में ही मृत पड़ा मिला।
सुसाइड नोट हनुमान सोनी की पत्नी विमला लिखा है। जिसमें उसने अपने ससुराल के साथ पीहर के लोगों पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि पीहर वालों ने उससे रुपए लिए थे, जो वापस नहीं लौटाये। आर्थिक परेशानी के बाद भी रुपए नहीं मिले। वहीं ससुराल वालों पर आरोप है कि जायदाद में बंटवारा करते हुए उसके पति को हिस्सा नहीं दिया गया।