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राजस्थान के एक करोड़ से ज्यादा पंजीकृत घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राज्य सरकार 100 यूनिट तक निशुल्क बिजली दे रही है।अब ऐसे उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से जोड़ने को लेकर राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पीएम सूर्य घर योजना में राज्य सरकार की ओर से क्या अतिरिक्त प्रावधान कर उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ा जा सकता है। इसकी कार्य योजना बनाई जाए। वहीं, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार को कुसुम योजना के लाभार्थियों से संवाद किया। इसी दौरान उन्होंने इसकी जानकारी दी।
मीडिया से बातचीत में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि हमने अधिकारियों को प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का ऐसा मॉडल तैयार करने के लिए कहा है, जिसमें 100 यूनिट मुफ्त बिजली का फायदा लेने वाले पंजीकृत घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को जोड़ा जा सके। राज्य सरकार की ओर से इस योजना में और क्या नए प्रावधान किए जा सकते हैं। इसकी संभावना तलाशने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो नए उपभोक्ता इस छूट के लिए पंजीकरण करवाना चाह रहे हैं। उन्हें भी पीएम सूर्य घर योजना से जोड़कर इस बात की संभावना तलाशी जा रही है कि कैसे उन्हें निशुल्क बिजली मिल पाए। इससे भी बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट आएगा। हम हर घर सोलर प्लांट की मुहिम चला रहे हैं, जिसमें हर घर में सोलर पैनल हो और वहां से हमें बिजली मिलने लगे तो राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बन जाए. इसकी बहुत बड़ी संभावना है।
प्रदेश में 30 लाख उपभोक्ताओं को रियायत नहीं
प्रदेश में 1.29 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 1 करोड़ उपभोक्ताओं ने बिजली बिल में रियायत के लिए पंजीयन करवाया हुआ है। जबकि करीब 30 लाख उपभोक्ताओं ने बिजली बिल में छूट के लिए पंजीयन नहीं करवाया था। अब सरकार बदलने के बाद भाजपा सरकार ने दुबारा रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं किए हैं। इसके चलते इन उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट का फायदा नहीं मिल पा रहा है। ऊर्जा मंत्री नागर का कहना है कि ऐसे उपभोक्ताओं को सूर्यघर योजना से जोड़कर उन्हें भी निशुल्क बिजली मुहैया करवाने पर विचार चल रहा है।
मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर जोर
उन्होंने कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में है। अब हमारा लक्ष्य यह है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम आने वाले उपकरणों की मैन्यूफैक्चरिंग बढ़नी चाहिए। इसकी शुरुआत हुई है। अब आगे और संभावनाएं तलाश कर हम अधिक तेजी से प्रयास करेंगे कि राजस्थान मैन्युफैक्चरिंग का हब बने और एक ऐसा जोन बने। जहां सोलर मैन्यूफैक्चरिंग से संबंधित काम ही हो। इसके लिए जगह तलाशी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में एक ब्लॉक की 80 हेक्टेयर जमीन मिली
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा छत्तीसगढ़ में हमारे पास कोयले के तीन ब्लॉक हैं। अभी हमें एक ब्लॉक मिला है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी सीएम भजनलाल ने मुलाकात की थी। पहले एक ब्लॉक की 30 हैक्टेयर जमीन मिली. बाद में 46 हैक्टेयर जमीन मिली। अब तक करीब 80 हैक्टेयर जमीन हमें मिली है। हमें और जमीन की जरूरत है। इसके अलावा दो और ब्लॉक मिलने हैं। उनके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
दो ब्लॉक मिलने पर कम होगी बिजली उत्पादन लागत
हीरालाल नागर ने कहा कि राजस्थान को अभी कैप्टिव माइंस से करीब 9 रैक कोयला हर दिन मिल रहा है। अगर दोनों ब्लॉक और मिल जाते हैं तो हमें 18 रैक कोयला रोजाना मिलेगा। अभी हमें कोल इंडिया की शर्तों पर महंगा कोयला खरीदना पड़ रहा है। दो ब्लॉक और मिलने पर हमारी बिजली उत्पादन की लागत में कमी आएगी। जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को होगा। उपभोक्ताओं पर फ्यूल सरचार्ज के रूप में जो अतितिक्त भार पड़ रहा है। उससे राहत मिलेगी।