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प्रत्येक गर्भवती का 12 सप्ताह में पंजीकरण व न्यूनतम 4 एएनसी जांच हो सुनिश्चित- जिला कलेक्टर…

RASHTRADEEP NEWS

प्रत्येक गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व पंजीकरण 12 सप्ताह के भीतर हो और गर्भकाल में कम से कम 4 बार प्रसव पूर्व जांच भी सुनिश्चित हो, ये निर्देश देते हुए जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आगामी 1 वर्ष में मातृ व शिशु स्वास्थ्य को केंद्रीय लक्ष्य बनाते हुए समन्वित प्रयास के निर्देश दिए। वे मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जिला स्तरीय नवाचार पुकार के अंतर्गत प्रत्येक बुधवार इस विषय पर गंभीर चर्चा करने की बात कही। उन्होंने प्रसव पश्चात 42 दिन तक आशा द्वारा प्रसूता के घर जाकर मां और बच्चे की स्वास्थ्य जांच कार्य को सेक्टर, खंड व जिला स्तर पर मॉनिटर करने हेतु लोकेशन सहित फोटो शेयर करवाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में गर्भवती के पंजीकरण के दौरान ससुराल के साथ पीहर का पता भी दर्ज करवाने और आवश्यकता अनुसार शेष गतिविधियां पीहर में करवाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार को दिए। डॉ अबरार ने बताया कि जिले में प्रतिवर्ष 65,284 प्रसव पूर्व जांच पंजीकरण का लक्ष्य है इसमें से 4 माह में आदिनांक 17,379 गर्भवतीयों का पंजीकरण हो चुका है। मासिक लक्ष्य के विरुद्ध यह 106% है। इसी प्रकार मासिक लक्ष्य के विरूद्ध 12 सप्ताह में पंजीकरण में 75%, न्यूनतम 4 एएनसी जांच में 62% व एचबीएनसी में 85% की उपलब्धि हासिल हुई है। जिला कलेक्टर ने इन सभी सूचकांकों को बिना समझौते शत-प्रतिशत पर लाने के निर्देश दिए हैं। आगामी 17 अगस्त तक चलने वाले “अंगदान जीवनदान” महाअभियान में प्रस्तावित गतिविधियों पर चर्चा करते हुए जिला कलेक्टर ने कैलेंडर अनुसार समस्त गतिविधियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण रखने, अतिवृष्टि के चलते मच्छरों की रोकथाम हेतु एंटी लारवा व एंटी एडल्ट गतिविधियों को बढ़ाने, जल जनित बीमारियों का सर्विलांस रखने के निर्देश दिए। उन्होंने आगामी 7 अगस्त से शुरू हो रहे सघन मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण अभियान के लिए निर्देश दिए कि एक भी बच्चा या गर्भवती टीकाकरण से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने आगामी 1 माह में जिले के प्रत्येक सरकारी व गैर सरकारी सोनोग्राफी केंद्र, मशीन तथा उससे संबंधित अस्पताल व सेंटर की सघन जांच करने के निर्देश समस्त समुचित प्राधिकारीयों को दिए। पोषण के लिए सभी गर्भवतियों को सहजन फली मोरिंगा के सेवन हेतु प्रोत्साहित करने, प्रत्येक विद्यालय में बच्चों को आईएफए गोली सुनिश्चित दिलवाने, मां एप में बकाया किशोरियों की हिमोग्लोबिन रिपोर्ट दर्ज करवाने के निर्देश दिए। परिवार कल्याण कार्यक्रम में दो बच्चों पर नसबंदी का प्रतिशत बढ़ाने तथा गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के अंतर्गत अधिकाधिक अस्पतालों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित करवाने के निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए। बैठक के दौरान आरसीएचओ डॉ राजेश कुमार गुप्ता, डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता, डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ योगेंद्र तनेजा, जिला टीबी अधिकारी डॉ सी एस मोदी, डॉ नवल गुप्ता, पीबीएम अस्पताल प्रतिनिधि डॉ गौरी शंकर जोशी आदि ने संबंधित विषयों पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर समस्त जिला स्तरीय सलाहकार, अधिकारी, ब्लॉक सीएमओ, बीपीएम व सीएचसी प्रभारी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में जिला पहले पायदान पर बरकरार, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के क्रियान्वयन में गत वर्ष की भांति जिला लगातार पहले स्थान पर राज्य में पहले स्थान पर बरकरार है। इसके लिए जिला कलेक्टर ने योजना प्रभारी डॉ नवल किशोर गुप्ता को बधाई प्रेषित की। जिले में क्रमशः प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पांचू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देशनोक व महाजन के चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों को शील्ड देकर सम्मानित किया गया।

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