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राजस्थान में भजनलाल सरकार द्वारा 9 जिलों और 3 संभागों को रद्द करने के फैसले के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता हमलावर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे अदूरदर्शी और राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित निर्णय करार देते हुए भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि यह फैसला न केवल जनता के हितों के खिलाफ है, बल्कि प्रशासनिक सुधार के लक्ष्य को भी कमजोर करता है। उनकी सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों का गठन जनता की मांग और प्रशासनिक जरूरतों के आधार पर हुआ था। राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां प्रशासनिक इकाइयों का पुनर्गठन कभी उस अनुपात में नहीं हुआ, जैसे अन्य राज्यों में हुआ। उन्होंने उदाहरण दिया कि मध्य प्रदेश, जो राजस्थान से छोटा है, में 53 जिले हैं जबकि राजस्थान में यह संख्या काफी कम थी।
साथ ही कहा कि, भजनलाल सरकार ने ये फैसला लेने में 1 साल लगा दिया, इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि इस काम को लेकर उनके मन में कितना कंफ्यूज़न रहा। हमनें सोच समझकर तीन संभाग बनाए थे, मैं नहीं जानता कि यह फैसला क्या सोच-समझकर लिया गया है।