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जैसलमेर में वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर ‘थारोसोरस इंडिकस’ के जीवाश्म खोजने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि रेगिस्तान में मिले थारोसोरस की रीढ़ लंबी थी और सिर पर ठोस नोक होती थी। ये जीवाश्म चीन में मिले जीवाश्म से भी पुराने हैं।
थार रेगिस्तान में मिले डायनासोर के जीवाश्म को ‘थारोसोरस इंडिकस ‘ यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया है। जैसलमेर में आज भले ही थार रेगिस्तान है, लेकिन 16.7 करोड़ साल पहले यहां दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर रहा करता था।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के वैज्ञानिक देबाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्णा घोष ने 2018 में रिसर्च शुरू किया था। जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म मिले थे। सबसे ज्यादा डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूंछ और पसलियों के जीवाश्म मिले थे।
इसके बाद सुनील बाजपेयी और देबाजित दत्ता ने 2022 आईआईटी रुड़की रिसर्च सेंटर में रिसर्च शुरू की। अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में रिसर्च पूरी होने पर वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुंचे।
वैज्ञानिकों ने बताया- इसे डायनासोरों के पुराने परिवार डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स में रखा गया है। इस परिवार के डायनासोर की गर्दन लंबी और सिर छोटे होते थे। वे शाकाहारी होते थे। इससे पहले थईयात गांव की पहाड़ियों में 2014 में डायनासोर के पंजों के निशान खोजे गए थे।