Rajasthan teachers protest 2025
राजस्थान की राजधानी जयपुर आज एक ऐतिहासिक शिक्षक आंदोलन का साक्षी बनी, जब हजारों की संख्या में शिक्षक सड़कों पर उतरे। राजस्थान शिक्षक संघ (शे) के आह्वान पर सीकर से जयपुर तक सात दिन का पैदल मार्च करते हुए शिक्षक आज शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए। चांदपोल से शुरू होकर शहीद स्मारक तक पहुंची यह रैली अपने विशाल आकार और उत्साह के लिए याद रखी जाएगी।
यह पहला अवसर है जब राज्य में इतना बड़ा शिक्षक मार्च आयोजित हुआ। पुरुषों और महिलाओं दोनों की भागीदारी से यह आंदोलन एक जनसैलाब में बदल गया, जिसका अगला सिरा शहीद स्मारक पर और पिछला सिरा चांदपोल तक फैला रहा। जयपुर ने इससे पहले इतनी लम्बी दूरी और इतनी बड़ी संख्या वाली रैली नहीं देखी थी।
सभा की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग, संघर्ष समिति संयोजक पोखर मल और सभाध्यक्ष याकूब खान ने की। महावीर सियाग ने अपने उद्बोधन में स्पष्ट किया कि जब तक मांग पत्र का समाधान नहीं होता, संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने शीघ्र ही एक रणनीतिक सेमिनार आयोजित करने की घोषणा की। प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने मंच संचालन करते हुए सरकार और शिक्षा विभाग की नीतियों पर तीखा प्रहार किया। इसी दौरान शिक्षा मंत्री ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया, जहां सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
प्रदेश मंत्री संजय पुरोहित ने हजारों शिक्षकों को संबोधित करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि, पूरा शिक्षक वर्ग संगठन के साथ एकजुट होकर अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने को तैयार है।बीकानेर जिला मंत्री अरुण गोदारा ने कहा कि यह ऐतिहासिक प्रदर्शन तब तक रुकेगा नहीं, जब तक सरकार शिक्षकों की जायज मांगों को पूरा नहीं करती।
बीकानेर से प्रभावशाली भागीदारी
बीकानेर से जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक जयपुर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश उपसभाध्यक्ष रेवंतराम गोदारा, प्रदेश मंत्री संजय पुरोहित, खुमाणाराम सारण, पृथ्वीराज लेघा, महेंद्र सिंह पंवार, हुकमाराम झोरड़, मनीष ठाकुर, देवेंद्र जाखड़, श्याम सुंदर देवड़ा, प्रवीण यादव, महावीर सिंह चौहान, जितेंद्र गोदारा, जयदीप कस्वां, केसराराम गोदारा, मांगीलाल सिद्ध, रूपाराम गोदारा, गोपीराम नैण, दौलतराम ज्याणी, ताराप्रकाश मोयल, विशाल पंवार, देवदत्त अहीर, विजय सिंह राजपूत (पूगल), सूरज कुमार कुमावत, रवि कुमार मौर्य, पंकज शर्मा, राजमल योगी, चिरंजीलाल जांगिड़ और मुकेश चौधरी जैसे कई सक्रिय शिक्षक नेता शामिल रहे।