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भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख तृतीय श्रेणी शिक्षकों को एक बार फिर सरकार से तबादले की उम्मीद जगी है। पिछले पांच साल से शिक्षक तबादलों की मांग कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं कर पाई। इससे शिक्षकों में नाराजगी भी देखी गई।
अंतिम बार 2018 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही तबादले खोले गए थे। ऐसे में इस बार फिर शिक्षक उम्मीद जगाए बैठे हैं। शिक्षक संगठनों का कहना है कि मंत्रिमंडल के गठन के बाद प्रदेशभर से शिक्षक तबादलों की मांग उठाएंगे।
कांग्रेस सरकार में गोविंद डोटासरा और बी.डी. कल्ला शिक्षा अलग-अलग शिक्षा मंत्री रहे। इस दौरान शिक्षक संगठनों ने मिलकर कई बार तबादले खोलने की मांग की। लेकिन दोनों ही तबादलों के लिए नई नीति का हवाला देते रहे। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने भी नीति बनाकर तबादला करने का आश्वासन दिया था। लेकिन पांच साल में न नीति बन पाई न ही तबादले हुए।