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राजस्थान का ये जिला कैसे बना साइबर अपराधियों का अड्डा…

RASHTRADEEP NEWS

भरतपुर के डींग जिले का मेवात साइबर अपराध का गढ़ माना जाता है। यहां के ठगों ने देश का कोई भी राज्य नहीं छोड़ा है, जहां उन्होंने ठगी न की हो। जैसे-जैसे सोशल मीडिया का चलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ठग नए-नए ट्रेंड के साथ धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में एक ठग के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दिया गया है। इनके माध्यम से ठगी के रुपयों से आलीशान मकान बनाये गये हैं। लेकिन इन साइबर ठगों की कमर तोड़ने का काम भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में चलाए जा रहे एंटीवायरस अभियान ने किया है। इस अभियान के तहत ठगी से कमाए गए धन से सरकारी जमीन पर मकान बनाने वाले ठगों पर बुलडोजर चलाकर उनके मकान ढहाए जा रहे हैं। इससे साइबर ठगों में भय का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, डीग जिले के कुतकपुर गांव का एक युवक सबसे पहले साइबर ठगी करते हुए पकड़ा गया। उसने पुलिस को बताया था कि यह काम उसने बाहर से सीखा है। इसके बाद से मेवात क्षेत्र में साइबर ठगी का जाल बढ़ता गया और यहां के लोगों ने इस अपराध को अपना धंधा बना लिया। अब स्थिति यह है कि पिता-पुत्र और भाई जंगलों में बैठकर धोखाधड़ी करते हैं। ताकि उन्हें आसानी से पकड़ा न जा सके।

वहीं, धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर स्थानीय पुलिस के माध्यम से अभियान चलाकर साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश के निर्देशन में 1 मार्च 2024 से साइबर अपराधियों के खिलाफ एंटीवायरस अभियान चलाया गया, जिसके चलते इस अपराध में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली. इसका असर यह हुआ कि फरवरी माह में 19 प्रतिशत तथा जून माह में 5 प्रतिशत की कमी आई। इसके साथ ही, इस अवधि में जिले में साइबर धोखाधड़ी के 148 मामले दर्ज किए गए और 567 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। इन गिरफ्तारियों में इनके पास से कार, बाइक, एटीएम कार्ड, मोबाइल, सिम समेत कई सामान बरामद हुए हैं।

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