





RASHTRA DEEP NEWS BIKANER। सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक के मास्टरमाइंड अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा को प्रमोट करने के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल को राज्य सरकार ने एपीओ कर दिया है। गौरव को फिलहाल जयपुर में ही हाजिरी देनी होगी। शाम होते-होते इस मामले में शिक्षा सचिव नवीन जैन ने दो असिस्टेंट डायरेक्टर और एक प्रिंसिपल को भी सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड असिस्टेंट डायरेक्टर में प्रीति जालोपिया, संदीप जैन और हरीश परमार शामिल है। शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक की। इस बैठक में अनिल उर्फ शेर सिंह मीणा को भी प्रमोट कर दिया गया था। शिक्षा विभाग की लापरवाही देखिए कि बर्खास्त हो चुके शेर सिंह मीणा को प्रमोट कर दिया गया। इतना ही नहीं, उसका पदस्थापन भी कर दिया गया।
इसलिए किया गया सस्पेंड, इसमें असिस्टेंट डायरेक्टर प्रीति जालोपिया को सस्पेंड किया गया है क्योंकि उनके सेक्शन से ही ये रिपोर्ट दी गई कि किसी के खिलाफ कोई विभागीय जांच शेष नहीं है। वहीं संदीप जैन के अनुभाग से ही पदोन्नति का कार्य हुआ था। वहीं प्रिंसिपल हरीश परमार ने वाइस प्रिंसिपल रहे अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा का नाम विभागीय वेबसाइट से नहीं हटाया था। अगर नाम हटा दिया जाता तो वो रिकार्ड में ही नहीं आता। ऐसे में अब तीनों को इस मामले में दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रमोट करने से पहले देखा जाता है रिकॉर्ड, शिक्षा विभाग में पदोन्नति करने से पहले सभी कार्मिकों का रिकॉर्ड देखा जाता है। प्रत्येक कार्मिक के रिकॉर्ड की जांच की जाती है। आपत्ति भी मांगी जाती है। डीपीसी होने के बाद भी करीब एक महीने का वक्त रहता है। इसके बाद भी किसी के ध्यान में नहीं आया कि सेवा से बर्खास्त हो चुके कार्मिक को कैसे पदोन्नति दी जा सकती है।

