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शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला का निर्देश सामुदायिक भवन में शुरू करो गर्ल्स कॉलेज…

RASHTRA DEEP NEWS BIKANER। मुरलीधर व्यास कॉलोनी में लड़कियों का नया कॉलेज शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला की राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ सकता है। दरअसल कल्ला चुनाव से पहले अपनी उपलब्धि बताने के लिए ये कॉलेज सामुदायिक भवन में स्थाई रूप से शुरू करवाना चाहते हैं। जबकि, यूआईटी ने इसके लिए यूआईटी ने 10 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की थी। अधिकारियों ने कल्ला की मंशा के अनुसार सामुदायिक भवन में कॉलेज शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हालांकि, यूजीसी की गाइडलाइन इस भवन में स्थाई रूप से कॉलेज नहीं चल सकता। के अनुसार

बजट घोषणा के तहत यूआईटी ने न्यू गर्ल्स कॉलेज के लिए यूआईटी ने करमीसर के उपनिवेशन खसरा नंबर 175 / 2 में 10,000 वर्गमीटर जमीन निशुल्क आवंटित कर दी, जो मुरलीधर व्यास कॉलोनी एरिया के प्रस्तावित सेक्टर सात में है। बिल्डिंग बनने में समय लगेगा और कॉलेज इसी सत्र से शुरू करना है, इसके लिए यूआईटी ने एमडीवी कॉलोनी का सामुदायिक भवन अस्थाई रूप से आवंटित कर दिया। पता चला है कि शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने कॉलेज के लिए सामुदायिक भवन स्थाई रूप से आवंटित करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में ये भवन शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों के लिए काम आता है।

यूजीसी नियमों के तहत संभाग में कॉलेज के लिए कोई बिल्डिंग नहीं, सामुदायिक भवन पर सवाल?

न्यू गर्ल्स कॉलेज में होंगी 1120 सीटें, न्यू गर्ल्स कॉलेज में कला संकाय के आठ विषयों की 1120 सीटें होंगी। वर्तमान में शहरी क्षेत्र में केवल एमएस और डूंगर कॉलेज ही सरकारी हैं। नया गर्ल्स कॉलेज खुलने से कुल तीन कॉलेज हो जाएंगे। नए कॉलेज में कला संकाय के आठ विषय हिन्दी, इंग्लिश, समाजशास्त्र, इतिहास, लोक प्रशासन, भुगोल, संस्कृत और गृह विज्ञान पढ़ाए जाएंगे। प्रत्येक विषय के दो सेक्शन होंगे जिसमें 80-80 स्टूडेंट होंगे।

कॉलेज बनने से यूआईटी की खाली जमीन पर अतिक्रमण हटता : मुरलीधर व्यास कॉलोनी के प्रस्तावित सेक्टर सात और उसके आसपास करमीसर के खसरों में आने वाली यूआईटी की जमीन पर भूमाफियाओं ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर रखे हैं । जोधपुर हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश भी दे रखे हैं। इसके बावजूद प्रशासन अतिक्रमण नहीं हटा पाया है। इस एरिया में यूआईटी की लंबी-चौड़ी जमीन अब भी खाली पड़ी है।

न्यू गर्ल्स कॉलेज नए सत्र से शुरू हो जाएगा। एमडीवी कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में अस्थाई रूप से कॉलेज लगेगा। प्रयास है कि इसी भवन में कॉलेज स्थाई हो जाए। -डॉ. बीडी कल्ला, शिक्षा मंत्री और पश्चिम विधायक

यूआईटी की ओर से न्यू गर्ल्स कॉलेज के लिए 10,000 वर्गमीटर जमीन अलॉट की गई है और एमडीवी कॉलोनी में सामुदायिक भवन अस्थाई रूप से दिया गया है। इसी भवन में कॉलेज को स्थाई करने का निर्णय कॉलेज आयुक्तालय को लेना है। -भगवतीप्रसाद कलाल, कलेक्टर

यूजीसी के नियम में कॉलेज का स्ट्रक्चर…

• एक फैकल्टी वाले कॉलेज में न्यूनतम 12 कमरे अनिवार्य ।
• कक्षा कक्ष का न्यूनतम साइज 24 / 36 वर्गफीट होना चाहिए।
• कक्ष कक्ष के अलावा प्राचार्य लाइब्रेरी लेबोरट्री, कैफेटेरिया, खेल मैदान, स्टॉफ कॉमन रूम होना भी जरूरी है।
• सिंगल फैकल्टी के बाद अगर दूसरी फैकल्टी बढ़ाई या खोली जाती है तो 24/36 वर्गफीट के 4 अतिरिक्त कक्ष प्रति फैकल्टी की जरूरत होगी।
• ओवरऑल एक कॉलेज के लिए बीघा जमीन की जरूरत पड़ेगी ।

शर्तें पूरी नहीं हुई तो कॉलेज पर असर, टीचर्स को स्टॉफ को वेतन देने में ही मुश्किल होती है। कॉलेज की बाकी सुविधाएं मुश्किल से मिलती हैं। इसलिए
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर देखा जाता है। यूजीसी नैक निरीक्षण करती है और ग्रेड के आधार पर कॉलेज के विकास के लिए राशि मिलती है।
अगर यूजीसी नियमों के तहत कॉलेज नहीं बना तो भविष्य में यूजीसी की
ग्रांट नहीं मिलेगी ।

17 कॉलेजों की बिल्डिंग नहीं, जिले में 24 में से 17 कॉलेज के पास
खुद का भवन नहीं है। सभी अस्थायी भवनों में चल रहे हैं। यूजीसी नियमों के तहत भवनों का निर्माण चल रहा है। लेकिन मुरलीधर कॉलेज के लिए आवंटित जमीन ही निरस्त कराकर बने बनाए भवन को तलाशा जा रहा है। शहर तो दूर पूरे संभाग में ऐसी कोई बिल्डिंग नहीं जो यूजीसी के बनाए नियमों के तहत कॉलेज के लिए बिल्डिंग बनी हो।

क्या जनता भवन देगी, शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला की जिद के कारण सामुदायिक भवन में कॉलेज शुरू कराने का दबाव है। अगर यहां कॉलेज खुल गया तो गरीब तबके लिए सामुदायिक भवन की सुविधा भी छिन जाएगी। विधानसभा चुनाव से पहले कॉलेज शुरू हो और जनता के बीच उपलब्धि बता सकें इसके लिए सामुदायिक भवन में कॉलेज खोलने की जिद हो रही । बेहतर होता किसी भवन में अस्थाई रूप से कॉलेज शुरू कराएं।

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