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राजस्थान विधानसभा में गतिरोध को आज 6 दिन हो गए है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगा रहे है। पहले विपक्ष ने मंत्री Avinash Gehlot द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री Indira Gandhi को लेकर की गई टिप्पणी पर सदन में जमकर हंगामा मचाया। लेकिन अब पीसीसी चीफ डोटासरा की स्पीकर देवनानी पर टिप्पणी से मामला अब पलट गया है।
जिसके चलते Dotasara ने इन आरोपों का जबाव देते हुए कहा कि, ‘कल अध्यक्ष महोदय को एक समाचार पत्र में छपी कपोल-कल्पित ख़बर पर भावुक देखकर मन को कष्ट पहुंचा है। वासुदेव देवनानी जी अच्छे एवं नेक इंसान हैं लेकिन बिना तथ्यों को जाने एवं बिना दूसरे पक्ष की सुने अवास्तविक हवाई ख़बर पर यूं प्रतिक्रिया देंगे यह अपेक्षा से परे है। कहा- फिर भी उन्हें कष्ट पहुंचा है, तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिलकर खेद प्रकट करूंगा।’
नेता प्रतिपक्ष Tikaram Julie ने कहा कि, विधानसभा में गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी ने प्रयास किया, यह गतिरोध टूटे, लेकिन टूट नहीं पाया। आज महाशिवरात्रि का पर्व है, जो हमें त्याग और कर्त्तव्य की सीख देता है। जिस तरह भगवान शंकर ने संसार की भलाई के लिए हलाहल विष का पान किया, उसी तरह हमें भी जनहित के लिए व्यक्तिगत हित, मान, अपमान और हठधर्मिता को भुला कर सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रयास करना होगा।
कहां अटका गया मामला?
सदन में विपक्ष के धरने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच माफी मांगने को लेकर सहमति बनी। ऐसे में डोटासरा का कहना है कि मैंने विधानसभा में खेद प्रकट कर दिया। लेकिन, मंत्री अविनाश गहलोत ने माफी नहीं मांगी।वहीं, सोमवार को डोटासरा ने स्पीकर वासुदेव देवनानी को लेकर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद मामला पलट गया। ऐसे में सत्ता पक्ष डोटासरा से बिना शर्त माफी चाहता है। लेकिन विपक्ष मंत्री अविनाश गहलोत से माफी मंगवाना चाहता है।