Bikaner Breaking
  • Home
  • Rajasthan
  • जानिए कोन थी राजस्थान की पहली महिला सांसद और क्यों ठुकराया कांग्रेस का ऑफर…
Image

जानिए कोन थी राजस्थान की पहली महिला सांसद और क्यों ठुकराया कांग्रेस का ऑफर…

RASHTRADEEP NEWS

रियासत विलय के बाद जयपुर की रॉयल फैमिली की सियासी पारी का दौर 1962 में शुरू हुआ। कम लोग ही जानते हैं कि गायत्री देवी ने कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकराकर अपना पहला लोकसभा चुनाव कांग्रेस की कट्टर विरोधी पार्टी से लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीतकर राजस्थान की पहली महिला सांसद बनीं। उनकी ये जीत तब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई थी।

उस दौर में राजस्थान में चुनावी स्थिति ‘सामंत बनाम कांग्रेस’ बनती जा रही थी। उसी समय सी राजगोपालचारी की स्वतंत्र पार्टी का भी जन्म हो चुका था। डूंगरपुर में महारावल लक्ष्मण सिंह, अलवर से राजा प्रताप सिंह, कोटा के महाराजा और जोधपुर रियासत के सामंत एवं जागीरदार चुनाव लड़ने के लिए एकजुट हो रहे थे।

1962 के चुनाव से कई माह पूर्व एक दिन मोहनलाल सुखाड़िया गायत्री देवी से मिलने जयपुर पहुंचे। उन्हें कांग्रेस के टिकट पर जयपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया। तब गायत्री देवी ने सुखाड़िया से कहा- ‘मुझे अपने पति से परामर्श करना होगा।’

क्यों ठुकराया कांग्रेस का ऑफर: जयपुर महाराजा मानसिंह और गायत्रीदेवी के बीच चर्चा हुई। महाराजा ने उनसे कहा- क्या वे सोचती हैं कि यदि वे कांग्रेस में शामिल हो जाएंगी तो जयपुर के लिए कुछ उपयोगी काम कर सकेंगी?

गायत्री देवी ने अपनी आत्मकथा ए प्रिंसेस रिमेम्बर्स में लिखा है- राजनीति में आने से पहले उनके मानस पर कुछ घटनाओं का असर रहा था। उनमें 1956 में जयपुर महाराजा को राजप्रमुख पद से हटाने की घटना भी एक है। राजप्रमुख सवाई मानसिंह के मन पर इसका बड़ा आघात लगा था।रियासत के विलय के समय यह समझौता हुआ था कि राजप्रमुख के पद पर वह जीवन पर्यन्त रहेंगे, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया था। इन्हीं सब बातों पर विचार और चर्चा के बाद गायत्री देवी ने सुखाड़िया को सूचित किया कि वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ सकेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *