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राजस्थान में अब जमीन खरीदने वालों के पसीने छूटने वाले हैं। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही पूर्ववती सरकार के कई नियम बदलते जा रहे हैं। अब स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निकाली गई अधिसूचना के बाद में जिन लोगों को पहले 500 रुपये में पट्टा मिल जाया करता था वह अब नहीं मिलेगा।
अशोक गहलोत की सरकार ने लोगों को रियायत दर पर उनके जमीन के मालिकआना हक के लिए 500 रुपये में पट्टा देने की स्कीम चलाई थी। हालांकि उसमें कई फर्जी पट्टे भी जारी हो गए थे। लेकिन अब सरकार बदलने के साथ ही स्वायत्त शासन विभाग ने एक नया आदेश निकाला है।
वर्तमान सरकार ने पुरानी आबादी की भूमि का पट्टा लेने के लिए अब भूमि धारक को आठ गुना ज्यादा राशि देनी पड़ेगी। वही फ्री होल्ड पट्टे के लिए 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर शुल्क तय किया गया है। जबकि पहले ₹25 प्रति वर्ग मीटर की दर पर ही लोगों को पैसा जमा कराना पड़ता था। पिछली कांग्रेस सरकार के द्वारा प्रशासन शहरों के शिविर लगाकर लोगों को 501 रुपये में पट्टा दिया गया था। वहीं सरकार ने नगर निगम और निकायों के अधिकारों में भी काफी कटौती कर दी है। पहले तो जिला स्तर पर ही लोगों को पट्टे मिल जाए करते थे। लेकिन नई अधिसूचना के बाद अधिकारियों के अधिकारों में भी कटौती की गई है। पहले अधिकारी 500 वर्ग मीटर तक की जमीन का पट्टा अपने स्तर पर जारी कर सकते थे और 501 से लेकर 5000 वर्ग मीटर तक की जमीन का पट्टा देने का निर्णय बोर्ड की मीटिंग में डिस्कशन के बाद जारी किया जाता था। जबकि 5000 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन का पट्टा जारी करने के लिए सरकार के पास फाइल भेजी जाती थी। लेकिन अब नए आदेश के बाद में अधिकारियों के स्तर पर केवल 300 वर्ग मीटर, नगर निकाय और निगम को बोर्ड स्तर पर 301 से 1500 वर्ग मीटर तक पट्टा देने का अधिकार दिया गया है। 1500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन के पट्टों के लिए फाइल अब सरकार के पास जाएगी।