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जोधपुर में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का शिकार हुई एक माँ ने ससुराल वालों की बेरहमी के आगे घुटने टेक दिए। दो साल के बेटे को जबरन छीनने और प्रताड़ना से आहत होकर महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
माता का थान थाना क्षेत्र की रहने वाली 24 वर्षीय ममता गौड़ की शादी 2021 में वासुदेव गौड़ से हुई थी। शादी के बाद से ही उसे ससुराल में शारीरिक और मानसिक यातनाएँ दी जा रही थीं। दो साल पहले ममता ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन उसकी खुशियाँ ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाईं। 23 मार्च को ससुराल वालों ने दो साल के बेटे को छीनकर उसे जेठ के हवाले कर दिया। जब ममता ने विरोध किया तो पति वासुदेव ने भी उसकी कोई मदद नहीं की, बल्कि उसे धमकाने लगा।
पहले भी हो चुकी थी घरेलू हिंसा की शिकायतें
2023 में ममता ने दो बार पुलिस में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन हर बार मामला समझाइश तक ही सीमित रह गया। इस बार जब ससुराल वालों ने उसका बेटा छीन लिया, तो ममता सहन नहीं कर पाई और 24-25 मार्च की रात को फंदे से झूल गई।
मौत से एक दिन पहले ममता ने अपनी माँ को फोन किया था। उसने कहा था— “मुझे बहुत परेशान किया जा रहा है, अब जीने का मन नहीं करता…“ लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह उसकी आखिरी बातचीत होगी। घटना के बाद पीहर पक्ष ने दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और शव लेने से मना कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ममता के पति और ससुर को हिरासत में लिया है।
क्या ममता की मौत से कोई सबक लेगा? या फिर कोई और बेटी यूँ ही दहेज की आग में जलकर खत्म हो जाएगी? सरकार, समाज और कानून को कब जागरूक किया जाएगा?