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कथित शराब घोटाले से जुड़े केस में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सिसोदिया ने मनी लॉन्ड्रिंग और करप्शन केस में निचली अदालत द्वारा खारिज जमानत याचिका को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी, दोनों ही केस में सिसोदिया को राहत देने से इनकार किया।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका नामंजूर करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई में देरी की वजह आरोपी हैं, इसके लिए जांच एजेंसियां जिम्मेदार नहीं हैं। कोर्ट ने इसे पद के दुरुपयोग का मामला भी बताया। हाई कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक समेत अहम सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे। वह दिल्ली सरकार में बेहद शक्तिशाली, प्रभावशाली व्यक्ति थे। कोर्ट ने कहा कि जो सामग्री एकत्रित की गई है उससे दिखता है कि सिसोदिया ने पब्लिक फीडबैक को अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक गढ़कर आबकारी नीति के निर्माण की प्रक्रिया को प्रभावित किया।
मनीष सिसोदिया को ऐसे समय पर कोर्ट से झटका लगा है जब हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 21 दिनों की राहत मिली है। देश की सबसे ऊंची अदालत ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है। ऐसे में सिसोदिया को उम्मीद रही होगी कि उन्हें भी राहत मिल सकती है। हालांकि, उन्हें एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ा।