ऋषिकेश यज्ञोपवीत संस्कार 2025
देवभूमि ऋषिकेश के पवित्र वातावरण में गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा आयोजित सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार कार्यक्रम में इस वर्ष देशभर से आए 486 से अधिक बटुकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की गरिमा उस समय और बढ़ गई जब भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्वयं उपस्थित होकर इस अद्भुत आयोजन की सराहना की और आयोजकों को शुभकामनाएं दीं।

यह वार्षिक आयोजन गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा ऋषिकेश के गीताभवन परिसर में पारंपरिक वैदिक विधियों से सम्पन्न कराया जाता है। यह आयोजन हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण संस्कार – यज्ञोपवीत (उपनयन) – को जन-जन तक पहुँचाने का अद्वितीय प्रयास है। आयोजन की विशेष बात यह है कि इसमें पूरी व्यवस्था निःशुल्क होती है – जिसमें पूजन सामग्री, भोजन, आवास, संध्या-साधना सामग्री, पुस्तकें, आसन, गौमुखी माला आदि शामिल हैं।

इस बार के कार्यक्रम की वैदिक अध्यक्षता बीकानेर के सुप्रसिद्ध पंडित डॉ. बंशीलाल जोशी ने की, जो कि समस्त वैदिक विधियों के ज्ञाता माने जाते हैं। आयोजन समिति से जुड़े पंडित बृजमोहन पुरोहित ने जानकारी दी कि गीताप्रेस के संस्थापक परम श्रद्धेय सेठ जयदयाल गोयंदका जी की यह भावना रही कि कोई भी योग्य व्यक्ति यज्ञोपवीत जैसे महान संस्कार से वंचित न रहे। 27 मई से 29 मई 2025 तक आयोजित इस संस्कार महोत्सव में देश के कोने-कोने से आए द्विजवर्णीय बटुकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संध्या कर्म और ब्रह्मचर्य के मार्ग की शुरुआत के इस पावन संस्कार को पूर्ण वेदमार्ग से सम्पन्न किया गया।

यह आयोजन न केवल धार्मिक चेतना का जागरण करता है बल्कि वैदिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का प्रेरणादायक माध्यम भी बन गया है। गीताप्रेस का यह निःस्वार्थ प्रयास पूरे भारतवर्ष में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।