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अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की एंट्री? जानिए क्या कहते हैं सियासी समीकरण…

Naresh Meena News

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज़ हो गई है। SDM को थप्पड़ मारने के मामले में आरोपी Naresh Meena सोमवार को 8 महीने बाद जेल से रिहा हुए और रिहाई के तुरंत बाद उन्होंने समरावता गांव में समर्थकों से मुलाक़ात कर यह संकेत दे दिया कि उनकी नजरें अब सीधे विधानसभा की कुर्सी पर हैं। दरअसल, बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की स्थिति बन गई है। भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को SDM को पिस्तौल दिखाने के मामले में सजा हो चुकी है, और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। ऐसे में यह सीट अब खाली घोषित हो चुकी है और जल्द ही उपचुनाव की घोषणा हो सकती है।

क्या अंता सीट से चुनाव लड़ेंगे नरेश मीणा?

सूत्रों की मानें तो नरेश मीणा इस मौके को हाथ से नहीं जाने देंगे। पिछले कुछ वर्षों में वह लगातार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं — घेराव, प्रदर्शन और भ्रष्टाचार के आरोप तक। इस विरोध की गूंज अंता के गांव-गांव तक पहुंच चुकी है। मीणा समुदाय की बड़ी आबादी और नरेश की उभरती लोकप्रियता, दोनों मिलकर इस उपचुनाव में उन्हें एक मजबूत दावेदार बना सकते हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि नरेश मीणा के पास अब मौका है ‘जन आंदोलन’ को जनमत में बदलने का।

2023 के चुनाव में अंता सीट पर 80.35% वोटिंग हुई थी, और BJP के कंवरलाल मीणा ने Congress के प्रमोद जैन भाया को 5861 वोटों से हराया था। जबकि लोकसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा के दुष्यंत सिंह ने कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया को 3.7 लाख वोटों से हराकर बड़ी जीत दर्ज की।

लेकिन अब समीकरण बदलते दिख रहे हैं — जहां एक तरफ भाजपा को नया चेहरा लाना होगा, वहीं कांग्रेस को अपनी पुरानी साख बचानी है। ऐसे में नरेश मीणा एक राजनीतिक सरप्राइज की तरह सामने आ सकते हैं।

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