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बीकानेर शहर की सबसे बड़ी रेल फाटक समस्या का समाधान करने के लिए एक राष्ट्रीयकृत बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर यानी डीजीएम ने अपने स्तर पर कोशिश शुरू कर दी है। मुम्बई में रहते हुए अपनी नौकरी करते हुए। इस बैंकर की एक इंजीनियर से तकनीकी सलाह लेकर एक मेप और टेक्निकल रिपोर्ट देश के रेल मंत्री को भेजी है, जिसमें कोटगेट व केईएम रोड पर एलिवेटेड रोड बनाने के बजाय रेलवे क्रासिंग के ऊपर से रेल निकालने की सलाह दी है।
बैंकर हरीश कुमार राजपाल के सुझाव में बताया गया है कि बीकानेर रेलवे स्टेशन से लालगढ़ रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले एकमात्र ट्रेक को एलिवेटेड रेलवे ट्रेक बनाना होगा। इसके लिए वर्तमान में उपलब्ध स्थान को पर्याप्त बताया गया है। मुम्बई से ही सिविल इंजीनियर ने गूगल के माध्यम से इस स्थान का नाप लेने के बाद यहां पर एलिवेटेड ट्रेक का प्रोजेक्ट बनाकर दिया है। इस प्रोजेक्ट में कोटगेट के सामने और सांखला फाटक पर बने रेलवे क्रासिंग के ऊपर से एक एलिवेटेड ट्रेक बताया गया है। सभी गाड़ियां इसी ट्रेक से आएगी और जाएगी। जिस तरह अभी ट्रेक चल रहा है, ठीक वैसे ही तब भी ट्रेक चल सकता है। अंतर सिर्फ इतना होगा कि अभी ट्रेफिक को रुकना पड़ता है और एलिवेटेड रेलवे ट्रेक बनने के बाद रुकना नहीं पड़ेगा। नीचे से ट्रेफिक निर्बाध चल सकता है।
इस संबंध में बैंकर राजपाल का कहना है कि, हमारे पास निश्चित दूरी है। इसके लिए ग्रेडियंट यानी स्लोप को समझना होगा। बीकानेर रेलवे स्टेशन से ट्रेन ऊपर चढ़ना शुरू होगी और सांखला फाटक तक आते-आते इतनी ऊपर आएगी कि नीचे से दूसरे वाहन निकल सके। इसके लिए 1:33 का ग्रेडिएंट चाहिए। बीकानेर में ये 1:50 उपलब्ध है। यानी आसानी से ये काम हो सकता है कि बीकानेर में एलिवेटेड ट्रेक बन जाये। मुम्बई के जिस सिविल इंजीनियर से ये प्रोजेक्ट बनाया गया है, उनका मानना है कि करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। वहीं बैंकर राजपाल का मानना है कि बीकानेर रेलवे स्टेशन को हाइटेक बनाने के लिए राज्य सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपए के खर्च की स्वीकृति दी है। शेष करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए में रेलवे स्टेशन भी हाइटेक हो जाएगा और बीकानेर की नासूर बन चुकी समस्या भी इस बजट में खत्म हो जाएगी।