Rajasthan Smart Meter News
राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। राज्य सरकार ने फिलहाल नए कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता को हटा दिया है। इतना ही नहीं, अब खराब या जले हुए मीटर की जगह भी परंपरागत (नॉन-स्मार्ट) मीटर लगाए जा सकेंगे।
20 अगस्त को जारी नई गाइडलाइन के अनुसार, जहां-जहां स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन चल रहा है या पूरा हो चुका है, वहां नए कनेक्शन और खराब मीटर केवल स्मार्ट मीटर से ही बदले जाएंगे। बाकी क्षेत्रों में अभी पुराने मीटर से ही काम चलाया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
बिजली निगम ने स्पष्ट किया है कि मीटर की कमी के कारण उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी। शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे के भीतर मीटर बदलना होगा। अगर दो महीने तक मीटर नहीं बदला गया, तो उपभोक्ताओं को बिजली बिल पर 5% की छूट मिलेगी। यह राशि संबंधित अधिकारी के वेतन से वसूली जाएगी।
AMISP और डिस्कॉम की नई भूमिका
संशोधित क्लॉज के मुताबिक— AMISP केवल उन्हीं फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाएगा, जहां इंस्टॉलेशन का काम जारी है या पूरा हो चुका है।अन्य फीडरों पर डिस्कॉम उपभोक्ताओं को पारंपरिक मीटर से कनेक्शन उपलब्ध कराएगा।
डिस्कॉम चेयरमैन आरती डोगरा ने कहा कि–
यह संशोधन अस्थायी है, जब तक स्मार्ट मीटर रोलआउट प्रोग्राम पूरी तरह सुचारू रूप से नहीं चलने लगता। इस बीच, आईटी टीम और AMISP मिलकर सप्लाई चेन को मजबूत करने और कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट के सभी प्रावधान पूरे करने पर काम करेंगे।