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मानवता की जीत, पाक नागरिकता प्राप्त डेढ़ साल की बच्ची को भारत में मां के साथ रहने की अनुमति…


Pakistani Child Allowed in India

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के आदेश के तहत एक मासूम बच्ची आदर्शिनी को भी भारत से डिपोर्ट किया जाना था। लेकिन अब इस संवेदनशील मामले में एक सुखद मोड़ आया है। केंद्र सरकार के उच्च अधिकारियों ने मानवीय आधार पर निर्णय लेते हुए बच्ची को भारत में अपनी मां के साथ रहने की अनुमति दे दी है।

यह मामला श्रीगंगानगर के जैतसर गांव निवासी भौर रश्मि से जुड़ा है, जो ललित राठौड़ की बेटी हैं। उनकी शादी तीन साल पहले पाकिस्तान के उमरकोट निवासी डॉ. धनपत सोडा से हुई थी। 3 अप्रैल 2025 को भौर रश्मि अपनी डेढ़ वर्षीय बेटी आदर्शिनी के साथ भारत आई थीं और अपने मायके जैतसर में रह रही थीं। लेकिन पहलगाम हमले के बाद जारी नए सुरक्षा निर्देशों के तहत शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत आए पाक नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया। चूंकि आदर्शिनी का जन्म पाकिस्तान में हुआ और उसकी नागरिकता भी वहीं की है, उसे भी डिपोर्ट किए जाने का नोटिस मिला। दूसरी ओर, भौर रश्मि को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति नहीं है, क्योंकि वह भारतीय नागरिक हैं।

यह मामला जब भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो उन्होंने बच्ची को उसकी मां से अलग करने के फैसले को मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित माना। उच्च अधिकारियों ने त्वरित हस्तक्षेप करते हुए आदर्शिनी को भारत में ही रहने की अनुमति दे दी। यह फैसला एक बार फिर साबित करता है कि सुरक्षा नीतियों के साथ-साथ भारत मानवीय मूल्यों को भी सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

श्रीगंगानगर एसपी गौरव यादव ने मीडिया को बताया कि, “बच्ची के परिवार को केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रक्रिया की जानकारी दी गई, जिसे पूरा कर अब आदर्शिनी अपनी मां के साथ भारत में सुरक्षित है।”

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