RASHTRADEEP NEWS
लोकसभा में एक देश एक चुनाव वाला विधेयक पेश हो गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल लोकसभा में पेश किया। बिल का कांग्रेस, टीएमसी, सपा समेत कई दलों ने विरोध किया है।
हालांकि भाजपा को अपने अहम सहयोगी दल जनता दल युनाइटेड का समर्थन हासिल है। आज एक बार फिर जेडीयू के नेता संजय कुमार झा ने कहा कि यह बिल जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा कहते रहे हैं कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। पंचायत के चुनाव अलग से होने इस देश में जब चुनाव की शुरुआत हुई थी, तब एक साथ ही इलेक्शन होते थे। यह कोई नई बात तो नहीं है। अलग-अलग चुनाव तो 1967 में शुरू हुए, जब कांग्रेस ने कई राज्यों में राष्ट्रपति शासन थोप दिया था और सरकारों को बर्खास्त किया जाने लगा। सरकार हमेशा इलेक्शन मोड में रहती है। इसमें बड़े पैमाने पर खर्च होता है।
अखिलेश यादव ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि, देश में तानाशाही आएगी और संघीय लोकतंत्र के लिए रास्ता बंद होगा। वहीं धर्मेंद्र यादव ने कहा कि अभी पिछले सप्ताह ही संविधान बचाने की इस सदन में कसमें खाई गई थीं और आज एक देश एक चुनाव का बिल लाया गया है, जो मूल भावना के ही खिलाफ है। कांग्रेस लीडर मनीष तिवारी ने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलता है तो क्या पूरे देश का चुनाव होगा। उनका कहना था कि ऐसे नियम की स्थिति में तो बड़ी संख्या में विधानसभाओं को भंग करना होगा और सरकारें बर्खास्त करनी होंगी।