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महेंद्रजीत सिंह मालवीय के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि उनके जाने के कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा। डोटासरा ने कहा कि मालवीय के जाने से पार्टी और मजबूत होगी क्योंकि वे तो पार्टी विरोध गतिविधियों में लिप्त थे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से मुखातिब होते हुए डोटासरा ने कहा कि मालवीय तो पिछले कई सालों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। पूर्व में उनकी कई बार शिकायतें आ चुकी है। उनकी इन्हीं हरकतों के कारण पिछली बार उन्हें ढाई साल तक मंत्री नहीं बनाया था।
डोटासरा ने कहा कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने हर बार कांग्रेस के अन्य प्रत्याशियों को हराने के लिए कार्य किया। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सिर्फ 21 सीटें आई थी। तब महेंद्रजीत सिंह मालवीय चुनाव जीते थे जबकि उनके जिले और लोकसभा क्षेत्र में कोई भी कांग्रेसी नहीं जीता। क्योंकि मालवीय ने स्वयं के अलावा सबको हराने के लिए काम किया था।
साथ ही, कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे लेकिन उनकी हरकतों के बावजूद नानालाल निनामा, रमिला खड़िया, अर्जुन सिंह बामणिया और गणेश घोघरा चुनाव जीतकर आए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं ने मालवीय की शिकायतें की, लेकिन एक आदिवासी नेता समझते हुए उन्हें माफ कर दिया गया था।