Bikaner News
बीकानेर शहर के बाजारों में ठगी का एक नया और चौंकाने वाला तरीका सामने आया है। दो युवकों ने “फोन-पे से भुगतान” का झांसा देकर बीकानेर के करीब 15 से 20 दुकानदारों से नकदी ठग ली। ये ठगी पिछले छह महीनों से जारी थी, लेकिन अब इस ठग गैंग का पर्दाफाश हो चुका है।
ठग युवकों की कार्यप्रणाली बेहद चतुराई भरी थी। वे दुकानदारों से पहले नकद सामान खरीदते, फिर फोन-पे से पेमेंट करने का दिखावा करते। इसी धोखे में आकर कई दुकानदारों ने बिना पेमेंट की पुष्टि किए ही पैसे लेन-देन कर लिया।
महिला की सतर्कता ने खोल दी पोल
तीन दिन पहले एक परचून की दुकान में बैठे महिला दुकानदार ने 1500 रुपए नकद देने के बाद युवकों को फोन-पे से भुगतान की बात करते देखा। जब बार-बार रसीद नहीं आई, तो महिला को शक हुआ। दोनों युवक मौके से भाग निकले, लेकिन अब तक बहुत देर हो चुकी थी — पुलिस उनके पीछे लग चुकी थी।
कोतवाली एसएचओ जसवीर सिंह ने बताया कि, पहले किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। मगर सूचना मिलते ही पुलिस ने खुद कार्रवाई शुरू की। एएसआई बाबूलाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने 67 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और जमीनी सूचनाओं के आधार पर दोनों आरोपियों को ट्रैक कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महेन्द्र भाट (23), निवासी बजरंग धोरा, पूगल रोड, और अरमान (20), निवासी बीदासर (चूरू) – हाल निवासी जेबी कॉलोनी, बीकानेर के रूप में हुई है। पुलिस ने बुधवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी 900 से 3000 रुपये तक की ठगी करते थे। उनका मानना था कि इतनी छोटी रकम के लिए कोई पुलिस में रिपोर्ट नहीं करता। इसी सोच के चलते वे बार-बार वारदातों को अंजाम देते रहे।
कोलायत से मिले सुरागों, सीसीटीवी फुटेज और जमीनी खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने महज तीन दिनों में पूरे गिरोह को पकड़ लिया।