



RASHTRA DEEP NEWS। कर्नाटक में कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी ने राजस्थान में वापसी के लिए फूल एक्शन मोड़ और फप्लान बनाया है। दक्षिण राज्य में जहां पार्टी का चुनावी अभियान भ्रष्टाचार और 40% कमीशन शुल्क पर केंद्रित था, वहीं अब राजस्थान में कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई को अपनी अजमेर रैली में इसके संकेत दिए थे। उन्होंने राजीव गांधी के उस बयान का जिक्र किया था जिसमें पूर्व पीएम ने कहा था कि सरकार द्वारा आवंटित एक रुपए में से जनता को 15 पैसे मिलते हैं। 85 पैसे बिचौलिए खा जाते हैं। पीएम मोदी ने इसे 85% कमीशन बताया था।
बीजेपी ने तब से अशोक गहलोत की सरकार और कांग्रेस पार्टी पर दबाव बनाया हुआ है। राजस्थान के प्रभारी और भाजपा महामंत्री अरुण सिंह ने बुधवार को कहा, गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले तीन सालों में, भ्रष्टाचार के मामलों में 22 प्रतिशत की बड़े है। 98 विभागों में 60 फीसदी भ्रष्टाचार है। अबतक पेपर लीक की 16 घटनाएं हो चुकी हैं। मंगलवार को राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तारी दी।

भ्रष्टाचार को क्यों बनाया मुद्दा?
राजस्थान में भ्रष्टाचार को अहम चुनावी मुद्दा बनाने का बीजेपी ने ऐसे समय पर फैसला लिया है जब कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पायलट का सीएम गहलोत के साथ काफी समय से विवाद चल रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का आग्रह किया है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार, भ्रष्टाचार को एक मुद्दे के रूप में उजागर करने के पायलट के कदम से ‘पार्टी को राज्य सरकार के खिलाफ नैरेटिव बनाने में मदद मिली है, क्योंकि भ्रष्टाचार पर उनके पायलट के सार्वजनिक बयानों को कांग्रेस का भ्रष्टाचार से समझौता करने के तौर पर देखा जा रहा है।
