RASHTRA DEEP NEWS। राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट के बीच जंग अब नए अंदाज में शुरू हो गई है। अब पायलट कैंप के सीनियर मंत्री और विधायकों ने चुनाव न लड़ने का ऐलान कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत गहलोत गुट के सामने चुनाव से पहले नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। पायलट कैंप की तुरुप की इस चाल से उनके निशाने पर उम्रदराज गहलोत और उनके उनके समर्थक मंत्री हैं। इससे राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में खलबली मची है ।
सचिन पायलट गुट के कद्दावर नेता और सीनियर विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में ऐलान किया है कि वे अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। शेखावत ने इसकी वजह अपनी उम्र और सेहत को बताया है। शेखावत ने कहा कि उनके समर्थक फिर उन्हें विधायक बनाने की अपील कर रहे हैं लेकिन वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। शेखावत विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री रह चुके हैं।
भरत सिंह और हेमाराम भी कर चुके हैं ऐलानसिर्फ शेखावत ही नहीं पायलट समर्थक एक और विधायक भरत सिंह ने भी कुछ दिन पहले खुद के चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सलाह दी थी कि वे भी कुर्सी का मोह छोड़ दे और युवाओं को मौका दें। सचिन पायलट के समर्थक मंत्री हेमाराम चौधरी तो पायलट की रैली के मंच से ऐलान कर चुके कि वे अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि पार्टी में युवाओं को मौके मिलने चाहिए।