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यमुना जल समझौते को लेकर राजस्थान में गरमाई सियासत…

RASHTRADEEP NEWS

राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का कहना है कि, हरियाणा के साथ यमुना नदी जल समझौते MoU पर लोगों को गुमराह कर रही है। डोटासरा ने कहा कि, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ERCP जैसी परियोजनाओं और हरियाणा सरकार के साथ यमुना जल बंटवारे पर हालिया समझौता ज्ञापन में राजस्थान के हितों से समझौता किया गया है।

यमुना जल समझौते पर 1994 में हस्ताक्षर किए गए थे और ऊपरी यमुना नदी बोर्ड में पांच राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से एक-एक नामांकित व्यक्ति शामिल है। उस समय, हरियाणा का दावा 13,000 क्यूसेक पर था और बाद में राज्य ने अपनी मांग बढ़ाकर 18,000 क्यूसेक कर दी। लेकिन अब समझौते में राजस्थान की बीजेपी सरकार ने हरियाणा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हरियाणा 24,000 क्यूसेक पानी लेगा। आज तक, राजस्थान सरकार ने राज्य के लोगों को एमओयू के नियमों और शर्तों की एक प्रति पेश नहीं की है, न ही विधानसभा को जानकारी प्रदान की गई है। सरकार लोगों को गुमराह कर रही है।

आरोपों का किया खंडन करते हुए राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत और बीजेपी के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, कांग्रेस ने अंतरराज्यीय मामलों पर हमेशा राजस्थान को धोखा दिया है। तिवारी ने कहा, कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान ईआरसीपी पर विवाद पैदा किया। उसने अंतरराज्यीय मामलों पर हमेशा राजस्थान को धोखा दिया है। दोनों समझौते ऐतिहासिक हैं और राज्य को बदल देंगे। इन समझौतों के माध्यम से राज्य के लोगों को सिंचाई और पीने का पानी मिलेगा।

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