Politics
राहुल गांधी आ सकते हैं जयपुर
राजस्थान आएगी भारत जोड़ो यात्रा, झालावाड़ से लेगी एंट्री
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में 3 दिसंबर की रात करीब 9 बजे एंट्री लेगी। यात्रा से ब्रेक लेकर राहुल के जयपुर आने की संभावना है। वहीं, यात्रा की तैयारियों का जायजा लेने राहुल के प्रतिनिधि सुशांत मिश्रा व उनकी टीम झालावाड़ पहुंच चुकी है। मिश्रा राहुल की यात्रा के रूट प्रबंधन और मीटिंग का काम देखते हैं। इस दौरान गहलोत और पायलट एक मंच पर दिखेंगे।
मिश्रा ने झालावाड़ के पीपाड़ा क्षेत्र का शनिवार को दौरा किया, जहां से राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में एंट्री लेगी। पहले चर्चा थी कि राहुल गांधी 6 दिसंबर को राजस्थान आएंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि इस यात्रा के रूट में अब तक जयपुर शामिल नहीं था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब राहुल गांधी जयपुर आ सकते हैं। इसके लिए सरकार और कांग्रेस पार्टी के स्तर पर मंथन जारी है।
जयपुर क्षेत्र में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, अजमेर, दौसा, अलवर जैसी छह लोकसभा सीटें जुड़ी हुई हैं। जिले में शहरी-ग्रामीण की 19 विधानसभा सीटें भी हैं। इन्हीं विधानसभा सीटों में से दूदू अजमेर, चौमूं सीकर, जमवारामगढ़ दौसा, बस्सी दौसा, बानसूर जयपुर ग्रामीण में आती हैं। ऐसे में राहुल गांधी के जयपुर आने पर राजस्थान की करीब 15-20 प्रतिशत सीटों पर सीधा प्रभाव बढ़ेगा। जयपुर संभाग के हिसाब से अलवर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा जिलों की करीब 30 विधानसभा और चार लोकसभा सीटें और कवर हो जाएंगी।
राज्य सरकार ने राहुल गांधी के प्रतिनिधि सुशांत मिश्रा के साथ खान मंत्री प्रमोद जैन भाया, राजस्व मंत्री रामलाल जाट और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को यात्रा की तैयारियाें का जिम्मा सौंपा है। जैन, जाट और राठौड़ तीनों शनिवार व रविवार को बारां-झालावाड़ में ही रहेंगे।
राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने भास्कर को बताया कि मीडिया में पहले से कई तारीखें यात्रा को लेकर चल रही हैं, लेकिन तारीख अधिकृत रूप से अब तय हुई है।
मुख्यमंत्री करेंगे अगवानी
झालावाड़ जिले की राजस्थान-मध्यप्रदेश सीमा पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद यात्रा का स्वागत करेंगे। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री, विधायक व अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने भी शुक्रवार को खान मंत्री प्रमोद जैन भाया से मुलाकात कर यात्रा की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली है। मध्यप्रदेश की सीमा तक राहुल के साथ वहां के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आएंगे। सिंह राजस्थान में भी यात्रा के साथ रहेंगे और कमलनाथ वापस मध्यप्रदेश लौट जाएंगे।
राहुल को खिलाएंगे दाल-बाफले
राजस्थान में वैसे तो दाल,बाटी,चूरमा को अधिकृत खाना माना जाता है, लेकिन झालावाड़ क्षेत्र चूंकि राजस्थान-मध्यप्रदेश की सीमा पर बसा हुआ है, तो वहां बाटी के बजाए बाफले का प्रचलन है। बाफले बाटी की ही तरह होते हैं, लेकिन उन्हें सीधे आग पर सेंकने के बजाए पानी में उबाल कर तैयार किया जाता है। ऐसे में खाने की स्थानीयता और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए राहुल व उनकी टीम को दाल बाफले व अन्य भोजन परोसा जाएगा। राहुल ने अब तक केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में भी स्थानीय भोजन का लुत्फ लिया है।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों से भी होगी मुलाकात
राहुल की यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं से भी उनकी मुलाकात करवाएगी। इसके लिए जल्द ही एनएसयूआई के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राहुल की युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता है। ऐसे में पार्टी चाहती है कि राहुल को युवाओं से फीडबैक भी मिले और युवाओं के बीच उनका संदेश भी जाए।
सचिन पायलट भी रहेंगे यात्रा में राहुल के साथ
कांग्रेस पार्टी और सरकार इस यात्रा के दौरान जनता के बीच लगातार यह संदेश भी देना चाहेगी कि वो एकजुट है और सरकार या पार्टी में कहीं कोई गुटबाजी का माहौल नहीं है। इसके लिए 3 दिसंबर से ही यात्रा में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल होंगे। बता दें अभी एक महीने पहले ही पायलट ने झालावाड़ क्षेत्र की यात्रा की थी। वहां उनके समर्थकों ने हजारों की संख्या में पहुंचकर उनका स्वागत किया था। ऐसे में इस क्षेत्र में राहुल की यात्रा में पायलट की उपस्थिति रोमांचक रहने वाली है।
सीएम, चौधरी और पायलट हो चुके हैं राहुल की यात्रा में शामिल
अभी तक दक्षिण भारत के राज्यों केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में राहुल की यात्रा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट दो-दो बार शामिल हो चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में जब यात्रा गुजरेगी तब गहलोत, चौधरी और पायलट ही विभिन्न स्थानों पर राहुल के साथ लीड करते हुए नजर आएंगे।
राजे के मजबूत किले में सेंध की कोशिश
झालावाड़-बारां संसदीय सीट से विगत नौ लोकसभा चुनावों में कांग्रेस हार रही है। पांच बार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और चार बार से लगातार उनके पुत्र दुष्यंत सिंह (1989 से 2019 से अब तक ) सांसद हैं। राजे 1999 से 2002 के बीच केन्द्र में मंत्री भी रही थीं। वे अभी लगातार चार बार से इसी क्षेत्र झालरापाटन (झालावाड़) से विधायक भी हैं।
हाल के चार दशकों में 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राजस्थान में 25 में से 21 सीटें जीतने का शानदार प्रदर्शन किया था। भाजपा तब केवल चार सीटें जीत पाई थी, उनमें से एक सीट झालावाड़-बारां थी। ऐसे में यात्रा के दौरान राहुल, मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी राजे व भाजपा और उनकी नीतियों पर जमकर प्रहार करेंगे, ताकि 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस को क्षेत्र में मजबूती मिल सके।
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