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आचार संहिता लगने से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिसे राज्य मंत्री का दर्जा दिया, उसी नेता का बयान कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन गया है। नागौर के कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रिछपाल सिंह मिर्धा हाल ही में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के लिए बीजेपी का चुनाव प्रचार करने वाले हैं
डेगाना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान रविवार को उनका एक वीडियो सामने आया है। डेगाना से कांग्रेस विधायक विजयपाल मिर्धा भी इस वीडियो में दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि ‘अगर मेरी बेटी ज्योति मिर्धा लड़ती है तो मुझे 2-4 दिन उसके लिए वहां जाना पड़ेगा।
‘ चुनाव उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘मुझे आपकी इजाजत चाहिए। इजाजत तो है न मुझे। वैसे मेरे लिए पार्टी वार्टी की कोई बंदिश नहीं है, मैं तो बिल्कुल खुल्ला हूं, आपकी तरफ से । आप मेहरबानी रखियेगा।’
कौन है रिछपाल मिर्धा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा के भतीजे व मारवाड़ में बड़े सियासी परिवार से आने वाले रिछपाल मिर्धा ने पहली बार जनता दल के टिकिट पर साल 1990 में नागौर जिले की डेगाना सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद साल 1993 में उन्होंने कांग्रेस के टिकिट पर डेगाना से दुबारा विधानसभा चुनाव लड़ा और लगातार दूसरी बार जीत गए। तीसरी बार 1998 के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार डेगाना से निर्दलीय चुनाव लड़ा और तीसरी बार भी जीत हासिल की। तब 11वीं राजस्थान विधानसभा में किसी भी निर्दलीय विधायक की सबसे बड़ी जीत थी।
साल 2003 में रिछपाल सिंह मिर्धा फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.औरडेगाना से चुनाव लड़ते हुए भाजपा के दिलीप सिंह बच्छवारी को हराकर लगातार चौथी बार विधायक बने थे। 2003 के विधानसभा चुनाव में नागौर जिले से जीतने वाले एकमात्र कांग्रेसी विधायक थे। 1990 से 2008 तक लगातार 4 बार राजस्थान विधानसभा में डेगाना निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।इसके बाद साल 2008 और साल 2013 के विधानसभा ‘चुनाव में मिर्धा लगातार 2 बार भाजपा के अजय सिंह किलक से हार गए। साल 2018 में कांग्रेस ने उनकी जगह उनके बेटे विजयपाल मिर्धा को टिकिट दिया, जिन्होंने अजय सिंह किलक को हराया और विधायक बने।
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