RASHTRADEEP NEWS
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने पार्टी नेताओं के करीबी परिजनों को टिकट दिए हैं। राज्य में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि हमारी पार्टी ने विद्रोह से बचने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए हैं। आगामी विधानसभा चुनावों में विद्रोह की आशंका टालने के लिए नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए गए हैं।
भाजपा की 124 उम्मीदवारों की दो सूची में पार्टी ने कम से कम 11 ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है, जो प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्य हैं। वहीं, कांग्रेस के 95 उम्मीदवारों में से 18 ऐसे हैं, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। दोनों दलों ने अभी राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है।
भाजपा पिछले चुनाव में हुआ था 15 से ज्यादा सीटों का नुकसान: पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 15 से ज्यादा सीटों के नुकसान के कारण सत्ता गंवानी पड़ी थी। पार्टी 78 सीटें हासिल कर सकी थी, जबकि कांग्रेस भी सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत हासिल नहीं पाई थी और उसके खाते में 96 सीटें गई थीं। अगर तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ बगावत के कारण भाजपा को झटका नहीं लगा होता, तो पार्टी निर्दलीय उम्मीदवारों को साथ लेकर सरकार बना सकती थी। 2018 के चुनाव में बसपा ने छह सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि 14 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों और अन्य को विजय हासिल हुई थी।