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राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम गहलोत ने आठ बोर्डों के गठन को मंजूरी दी। ये बोर्ड विभिन्न समुदायों के लिए काम करेगा। इनका काम संबंधित जातियों और समुदायों की स्थिति क़ो सुधारने के लिए सरकार को सुझाव देना होगा। ये बोर्ड सामाज में फैले बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए सरकार के साथ काम करेगा।
इन बोर्ड को दी मंज़ूरी
राजस्थान सरकार द्वारा नवगठित बोर्ड में राजस्थान राज्य राजा बली कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य वाल्मिकी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य मेघवाल कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य पुजारी कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य केवट कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य जाटव कल्याण बोर्ड, राजस्थान राज्य धाणका कल्याण बोर्ड और राजस्थान राज्य चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड शामिल हैं।
बोर्ड का क्या होगा काम?
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ये बोर्ड संबंधित वर्गों की स्थिति का जायजा लेने, प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर समुदायों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए राज्य सरकार को सुझाव देंगे।
बयान में कहा गया है कि ये बोर्ड संबंधित वर्ग के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित करने, उनके लिए वर्तमान में संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में विभिन्न विभागों से समन्वय करने, परंपरागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन के संबंध में सुझाव दिए जाएंगे।
बोर्ड में कौन-कौन होंगे शामिल?
इसके साथ ही ये बोर्ड सामाज में फैले बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने के लिए सरकार के साथ काम करेगा। बोर्ड में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा सरकारी और गैर सरकारी सदस्य शामिल होंगे। इनमें विभागों के सचिव, आयुक्त, निदेशक, संयुक्त निदेशक और उप निदेशक लेवल के अधिकारी होंगे।