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हाईकोर्ट की जयपुर बेंच के जीए ऑफिस के अपील सेक्शन एक संविदाकर्मी ने शुक्रवार सुबह ऑफिस में ही फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। मृतक मनीष सैनी 18 साल से हाईकोर्ट में संविदा पर काम कर रहा था। उसका मानदेय मात्र 5600 रुपए था। ये भी उसे बीते पांच महीने से नहीं मिल रहा था। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी।
मृतक के चाचा राजेंद्र सैनी ने बताया कि उन्हें शुक्रवार सुबह 8.45 बजे हाईकोर्ट से साथी संविदाकर्मियों ने मनीष के सुसाइड करने की जानकारी दी। मनीष ने सुसाइड नोट भी लिखा, ‘मुझे वीरगति प्राप्त हो, राज्य सरकार ने मेरा तो भला नहीं किया, लेकिन मेरे भाइयों का भला हो।’ मनीष की चार साल की बेटी व एक छोटा बेटा है। मृतक के परिवार का कहना है कि, मनीष घर से रोजाना हाईकोर्ट आने के लिए अप-डाउन करता था।
मनीष की मौत के 12 घंटे बाद रात में राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ा दिया। अब 6900 की जगह 17 हजार, 5600 की जगह 14 हजार और 4400 की जगह 11 हजार रुपए तक मानदेय मिलेगा। बता दे, राज्य सरकार ने समझोते के तहत मृतक मनीष के परिवार को 11 लाख रुपए मुआवजा और पत्नी को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की। इसके अलावा, एजी ऑफिस की ओर से भी परिजनों को एक लाख रुपए मुआवजा देने का निर्णय लिया गया है।