






RASHTRA DEEP NEWS BIKANER। राजस्थान में विभिन्न समाजों की ओर से अपनी दिशा व दशा को लेकर आवाज बुलंद की जा रही है। इसी कड़ी में माली-सैनी समाज महासंगम का आयोजन किया जा रहा है, जो 4 जून 2023 को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम होगा। इसमें सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक चेतना के लिए जागरुकता पर चर्चा होगी।
माली समाज की प्रमुख मांगें,
• महात्मा ज्योतिबा फुले एवं माता सावित्री बाई फुले के द्वारा समाज सुधार, शैक्षिक सुधार एवं तत्कालीन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए किए गए कार्यों के फलस्वरूप उनको भारत रत्न दिया जाए।
• माता सावित्रीबाई फुले के द्वारा महिला शिक्षा एवं सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए पांच सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन को माता सावित्री बाई फुले के शैक्षिक सुधार के लिए किए गए कार्यों को देखते हुए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। स्कूलों में फुले दम्पती से संबंधित सैलेबस शामिल किया जाए।
नए संसद भवन में पुरानी संसद भवन की तरह महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा लगाई जाए।
• सैनी, माली, कुश्वाह, शाक्य, मौर्य समाज का उसकी आर्थिक एवं सामाजिक अति पिछड़ेपन को देखते हुए 12 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाए।
• राजस्थान की विधानसभा एवं लोकसभा सीटों पर हमारे समाज के योग्य उम्मीदवारों को टिकट दी जाए।
• महात्मा ज्योतिबा फुले के नाम से बनाए गए बोर्ड को तत्काल आयोग का दर्जा दिया जाकर तत्काल प्रभाव बजट आवंटन कर लागू किया जाए।
• सामाजिक एवं राजनैतिक आंदोलनों में दर्ज मुकदमे जो समाज बंधों पर गैर कानूनी रूप से दर्ज कर उन्हें फंसाया गया है। वे तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाए।
• शिक्षा के केंद्र विश्वविद्यालयों में महात्मा ज्योतिबा फुले दम्पती के नाम से शोधपीठ का गठन किया जाए।
• संत शिरोमणि लिखमीदास महाराज के नाम से उनके जन्म स्थल अमरपुरा नागौर को पेनेरोमा एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
• माली समाज को दूसरे नाम से जाने जाने वाले कुश्वाह समाज द्वारा लव कुश बोर्ड का गठन कर अति पिछड़ा वर्ग को संबल प्रदान किया जाए।
• जातिगत जनगणना 2011 के आंकड़े जारी कर जनसंख्या अनुपात में अति पिछड़ा वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संसाधन उपलब्ध करवाए जाए।
