Rajasthan cyber crime
राजस्थान में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध पर लगाम कसने के लिए राजस्थान पुलिस अब एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर पूरे प्रदेश में संदिग्ध बैंक खातों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है, जो 25 जून 2025 तक चलेगा। इस अभियान के तहत 1 लाख 11 हजार 307 बैंक खातों की गहन जांच की जाएगी, जिनमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है।
संदिग्ध खातों पर होगी सख्त कार्रवाई
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, इन खातों से साइबर अपराधियों द्वारा लेन-देन किया गया है। कई मामलों में खाताधारकों की जगह अन्य व्यक्तियों द्वारा खातों का उपयोग, विदेशी खातों में ट्रांजेक्शन, और फर्जी केवाईसी (KYC) जैसे गंभीर मामले सामने आए हैं।
राज्य भर में चला अभियान
राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को संदिग्ध खातों की सूची भेज दी गई है। जिला स्तर पर गठित साइबर टास्क फोर्स अब बैंक, टेलीकॉम, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और वित्तीय संस्थाओं के नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर इन खातों की जांच करेगी।
ये होंगे जांच के प्रमुख बिंदु:
- खातों का संचालन वास्तविक खाताधारक कर रहा है या नहीं
- खाता किसी को किराए पर तो नहीं दिया गया
- पासबुक, चेकबुक, एटीएम किसके पास हैं
- ई-वॉलेट, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी से खातों की लिंकिंग
- ट्रांजेक्शन का पैटर्न और विदेशी खातों से संबंध
बैंक कर्मियों पर भी होगी कार्रवाई
जांच में यदि यह पाया गया कि बैंक कर्मियों की लापरवाही से संदिग्ध खाते खोले गए, या उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केवाईसी प्रक्रिया पूरी की, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग की सख्त व्यवस्था
पुलिस मुख्यालय ने सभी अधिकारियों को अभियान की साप्ताहिक मॉनिटरिंग रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी संदिग्ध खाता पुलिस की नजर से बच न सके।