RASHTRADEEP NEWS
राजेंद्र राठौड़- बेरोजगारों का पर्चा लीक करने में भी मेहनत होती है, यह अजीबोग़रीब कहानी आपकी अदा से ही क्यों बयाँ होती है गरीबों के सपने कुचलने में कैसा स्वाभिमान?
गफलतों में डूबी तुम्हारी जिंदगी में नफरत की आग जमा है। गली गली में चर्चे है तेरे “क़लामों” के, पर “कलामों” के पन्नों पर कई दाग जमा है।
राजनीति में आलोचना-समालोचना जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे कि मर्यादाहीन भाषा आने वाली पीढी को हिबा ना हो और हम शर्मिंदा ना हों…
गोविंद सिंह डोटासरा- गलतफहमी ना पाल, ये जनता का पर्चा है
तेरे सिर्फ़ टोल, बजरी, भूमाफिया होने की चर्चा है
काश.. अवैध अड्डों से इतर तारानगर वाले नेताजी की जनता में भी चर्चा रहती तो जवाब सदन में मिलता।
और हां.. अहंकार नहीं, स्वाभिमान है! हमारे यहां बच्चों को मेहनत करने और पढ़ने की शिक्षा दी जाती है, टोल, बजरी और शराब पीकर के धंधे की नहीं।