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सियासी संकट को नकार अगले बजट की तैयारी में CM

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गहलोत ने 2023-24 के बजट के सुझाव मांगकर दिये सीएम बने रहने के संकेत

राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट को लेकर सुझाव मांग लिए हैं। मुख्यमंत्री के इस कदम ने एक बार फिर राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चाएं छेड़ दी हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि अशोक गहलोत ने बजट के लिए सुझाव मांग कर यह स्पष्ट कर दिया कि बजट तक तो कम से कम राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है।

सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को बजट से सम्बंधित सुझाव मांगते हुए कहा कि देश और प्रदेश की प्रगति का आधार युवा हैं। युवाओं की रचनात्मक सोच, ऊर्जा एवं क्षमता से देश के विकास को नए आयाम दिए जा सकते हैं। राजस्थान सरकार युवाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास तथा रोजगार के लिए एतिहासिक फैसले ले रही है। गहलोत ने ट्वीट किया- ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, डिजी फेस्ट, राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक, राजीव गांधी सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस जैसे निर्णय इस दिशा में बड़े कदम हैं। अब एक कदम और बढ़ाते हुए आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट युवा वर्ग को समर्पित करने का निर्णय लिया गया है। आपके सुझाव बजट निर्माण में हमारे लिए महत्वपूर्ण है। गत बजट के लिए भी लगभग 45 हजार सुझाव प्राप्त हुए थे। आप सबके सुझाव आमंत्रित है।

गहलोत भले ही युवाओं और बजट से सम्बंधित सुझावों को लेकर बात कर रहे हों। मगर यह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और जनता को सीधा-सीधा मैसेज है कि उनकी कुर्सी सही सलामत है। गौरतलब है कि प्रेशर पॉलिटिक्स के बाद हुई दिल्ली यात्रा में सोनिया गांधी से मिलने के बाद से लगातार गहलोत बजट पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने आते ही बजट की समीक्षा की।

गहलोत ने दिल्ली से आते ही यह संकेत भी दिए थे कि इस बार का बजट जल्दी आएगा। आमतौर पर फरवरी के तीसरी या चौथे सप्ताह में राज्य का बजट जारी होता है। मगर इस बार यह जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में ही जारी हो सकता है। सीएम गहलोत ने 31 दिसम्बर तक बजट को लेकर सुझााव मांग लिए हैं। ऐसे में पूरी संभावना है कि गहलोत के दावे के अनुसार इस बार बजट जल्दी आ जाए।

सरकार का अंतिम बजट, गहलोत लुभाने का प्रयास करेंगे

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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगला बजट इस सरकार का अंतिम बजट है। ऐसे में गहलोत अगर यह बजट जारी करते हैं तो इसकी पूरी संभावना है कि यह बजट लोक-लुभावना हो सकता है। गहलोत ये बजट ऐसा जारी कर सकते हैं जिससे हर वर्ग को साधने में मदद मिले। वहीं बजट के बाद बनने वाले माहौल को लेकर गहलोत ये बता सकते हैं कि किस तरह उनकी नीतियों को पसंद किया जा रहा है।

ओपीएस और संविदाकर्मियों के निर्णय से बताई ताकत

गहलोत ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू की, वहीं दीपावली से पहले संविदाकर्मियों को नियमित करने की घोषणा की। गहलोत की इन योजनाओं का प्रचार राहुल गांधी गुजरात चुनाव में कर रहे हैं। ऐसे में अगले बजट में गहलोत इसी तरह की घोषणाएं कर सकते हैं जो कांग्रेस के लिए आने वाले कर्नाटक चुनाव सहित अन्य राज्यों के लिए गुड गर्वनेंस का उदाहरण बन सकती हैं।

सियासी संकट के बीच पांचों बजट पेश करना बड़ी सफलता

इतने बड़े सियासी संकट के बावजूद मुख्यमंत्री के तौर पर अगर गहलोत अंतिम बजट पेश करते हैं तो एक तरह से यह माना जाएगा कि पांचों बजट पेश कर उन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण कर लिया है। इस बजट को पेश करने के बाद अगर मुख्यमंत्री बदला भी जाता है तो सरकार के स्तर पर करने के लिए ज्यादा कुछ शेष नहीं रहता है। ऐसे में अगला सीएम सिर्फ घोषणाओं के क्रियान्वयन का ही काम करता है। वहीं इसके बाद सरकार भी चुनावी मोड में चली जाती है।

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