राहुल गांधी के समर्थन में निकाले गए मशाल जुलूस के दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी सड़क पर उतरे। जुलूस के दौरान सचिन पायलट पर जलती हुई मशाल गिर पड़ी। पायलट बाल-बाल बच गए। जलती हुई मशाल पायलट को छूते हुए नीचे गिर गई। जरा सी देर होने पर कपड़ों में आग लग सकती थी।
अचानक हुई इस घटना से पायलट के आसपास चल रहे यूथ कांग्रेस नेताओं को भी एकबारगी कुछ नहीं सूझा। पायलट पूरे मशाल जुलूस में मौजूद रहे।
मानहानि केस में सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म करने के विरोध में यूथ कांग्रेस ने शनिवार रात को राजधानी के अल्बर्ट हॉल से मशाल जुलूस निकाला था। इस मशाल जुलूस में यूथ कांग्रेस नेताओं के साथ सचिन पायलट भी शामिल हुए। राहुल गांधी के समर्थन में जयपुर में किए जा रहे प्रदर्शनों में पायलट लंबे समय बाद शामिल हुए हैं।
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हाथ से छूटी मशाल मशाल जुलूस के दौरान सचिन पायलट यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के आगे आगे चल रहे थे इसी दौरान श्रीनिवास के हाथ से मशाल छूट गई और पायलट के सिर से टकराते हुए नीचे गिर गई। मशाल पायलट पर भी गिरी, उसी समय पायलट ने उसे नीचे गिरा दिया, इससे पायलट जलने से बच गए। मशाल जुलूस कुछ देर के लिए रोका गया। कुछ देर बाद फिर स्थिति सामान्य हो गई।

पायलट का केंद्र पर निशाना, कहा- विपक्ष की आवाज दबा रही बीजेपी सचिन पायलट ने राहुल गांधी के मुद्दे पर केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। पायलट ने कहा- कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया था, ऐसी क्या आफत आ गई थी कि 24 घंटे में राहुल गांधी को निष्कासित कर दिया। केंद्र के खिलाफ पहली बार विपक्ष एकजुट हुआ है, सब विपक्षी दल साथ आए हैं। केंद्र सरकार और बीजेपी ने देश में ऐसा माहौल बनाया है, जहां लोगों को अपनी बात बोलने से रोका जा रहा है।

पायलट ने कहा- राहुल गांधी ने ससंद में कोशिश की, लेकिन जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया। लोअर कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया, फिर सत्ता पक्ष ही संसद को नहीं चलने दे, यह इस बात का प्रतीक है कि केंद्र सरकार कोई सच्चाई नहीं सुनना चाहती। सब विपक्षी दल एकजुट होकर आए हैं, सरकार और बीजेपी विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
ईडी विपक्ष को टारगेट कर रही है पायलट ने कहा- लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार सबको है। पिछले कुछ समय से विपक्ष के लोगों को टारगेट किया गया है। 95 फीसदी नेताओं को ईडी ने नोटिस दिया या छापे डाले, वे सब विपक्ष के हैं। देश के लोग समझ रहे हैं। हम सच्चाई जनता के सामने लाने में पीछे नहीं रहेंगे, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया बहुत गलत है।
लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों अहम हिस्से हैं। अगर आप बात को नहीं सुनें, बोलने नहीं दो, संसद को चलने नहीं दो और 45 लाख करोड़ का बजट बिना बहस पास हो जाए तो यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।