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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के रस्साकशी और शोरगुल का दौर अब अंतिम दिन पर आ पहुंचा है, लेकिन इससे ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजेश पायलट का नाम लेकर कांग्रेस को घेर लिया, इसके बाद अब सचिन पायलट ने इस पर करारा जवाब दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजेश पायलट एक बार कांग्रेस के इस परिवार की भलाई के लिए चुनौती दी थी, लेकिन यह ऐसा परिवार है कि राजेश को तो सजा दी ही साथ ही अब उनके बेटे सचिन को भी सजा दे रहे हैं।
पायलट बोले, कहा कि मेरे दिवंगत पिता ने 1998 में शरद पवार के साथ मिलकर सीताराम केसरी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था और उस समय सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में नहीं थी। केसरी ने वह चुनाव जीता और बाद में पवार और मेरे पिता दोनों को कार्य समिति में नामित किया गया। एक स्वस्थ लोकतांत्रिक संगठन और राजनीतिक दल को इस तरह का काम करना चाहिए।
इतना ही नहीं बल्कि पायलट ने यह भी कहा कि जब तक मेरा सवाल है, मुझे बहुत कम उम्र में संसद सदस्य बनने का मौका दिया गया। मैंने कई सालों तक केंद्र और प्रदेश स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाई है। किसी को भी उनकी और उनके सियासी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। पायलट ने कहा कि मुझे अपनी पार्टी और लोगों की चिंता है और मुझे यकीन है कि वह मेरे भविष्य का अच्छे से ख्याल रखेंगे। साथ ही सचिन पायलट ने यह भी कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेकर कांग्रेस में शामिल हुए और लंबे वक्त तक जनता की सेवा की और जीवन भर सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे।
पायलट ने आगे कहा कि दशकों से हमारे संबंध गांधी परिवार से है। पार्टी के साथ तो है ही और यह रिश्ता दिल का है। यह रिश्ता पुराना है और मुझे लगता है इसमें किसी को बहुत ज्यादा बयान देने की जरूरत नहीं है।
पायलट ने कहा, कि मैं भाजपा नेताओं से आग्रह करूंगा कि वह विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करें और राजस्थान में सरकार में रहते हुए अपने प्रदर्शन और अपने रिपोर्ट कार्ड पेश करने पर बहस करें। भाजपा बैक फुट पर है क्योंकि भाजपा लगातार अलग-अलग प्रदेशों में चुनाव हार रही है और कांग्रेस की सरकार बन रही है।